ABP News : Nov 22, 2019, 02:52 PM
प्रयागराज | हाईकोर्ट ने यूपी में तेजी से फ़ैल रही डेंगू की बीमारी पर यूपी सरकार व सभी जिलों के डीएम के लिए दिशा निर्देश जारी किये हैं। अदालत ने सभी जिलों के डीएम से डेंगू के मामलों की मानीटरिंग करते हुए बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए कदम उठाए जाने के साथ ही पीड़ितों को बेहतर इलाज की व्यवस्था कराए के निर्देश दिया है।अदालत ने इसके साथ ही हाईकोर्ट के वकील के बेटे की डेंगू की बीमारी से हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवार को पचीस लाख रूपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में डायलिसिस यूनिट के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाए। यह भी कहा है कि डेंगू से बचाव के लिए सभी स्पेशल हॉस्पिटल और ब्लड सिपरेशन यूनिट को पूरी तरीके से रखा जाए ताकि डेंगू के मरीजों किसी प्रकार की परेशानी ना होने पाए।इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता बीपी मिश्रा की जनहित याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है। अधिवक्ता बीपी मिश्रा के युवा पुत्र की 2016 में डेंगू से मौत हो गई थी। उन्होंने इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत करते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। इस पत्र को अदालत ने जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की।प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में बताया गया कि प्रदेश भर में 37 सेंटेनियल सर्विलांस हॉस्पिटल स्थापित किए गए हैं, जहां डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के संदिग्धों की जांच की जाती है। इसके अलावा 32 से अधिक ब्लड सिपरेशन यूनिट्स लगाई गई हैं जहां प्लेटलेट्स तैयार किए जाते हैं।