Vikrant Shekhawat : Nov 26, 2019, 03:29 PM
दिल्ली: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालय अनुमोदन समिति (आईएमएसी) ने खाद्य प्रसंस्करण एवं परिरक्षण क्षमता सृजन/विस्तार (सीईएफपीपीसी) योजना के तहत 271 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।इस तथ्य के बावजूद कि सीईएफपीपीसी परियोजनाएं देश भर में 100 से भी अधिक कृषि-जलवायु क्षेत्रों (जोन) को कवर करती हैं, इन परियोजनाओं को 270 मिनट की समयावधि में मंजूरी दी गई। बैठक के दौरान आवेदक द्वारा पेश किये गये प्रस्तावों एवं फिर बाद में प्रस्तुत किये गये स्पष्टीकरणों पर संबंधित कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) ने विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। आईएमएसी ने इस बात पर गौर किया कि क्या आवेदकों ने बुनियादी पात्रता मानदंड, कुल परियोजना लागत, उपयुक्त या अपेक्षित परियोजना लागत और वित्त के साधनों का अनुपालन किया है।
बैठक के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा, ‘इसके तहत युवाओं के लिए प्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन के साथ-साथ वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य की पूर्ति में योगदान करने’ पर विशेष जोर दिया जाएगा।’ श्रीमती बादल ने 270 करोड़ रुपये की लागत वाली नई परियोजनाओं को मंजूरी देते समय ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ प्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन पर फोकस किया है। ये परियोजनाएं लगभग 9000 प्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेंगी और कृषि एवं विपणन (मार्केटिंग) को आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों के साथ जोड़ने पर विशेष बल देंगी।
इसके अलावा मंत्रालय 6,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली ‘प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना’ को भी कार्यान्वित कर रहा है जिसके तहत निवेशकों को अनुदान सहायता के रूप में उपयुक्त या अपेक्षित परियोजना लागत के 35 प्रतिशत से लेकर 75 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (यूनिट) की स्थापना करने के अलावा बुनियादी ढांचागत एवं लॉजिस्टिक परियोजनाओं पर भी काम करना है।
बैठक के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा, ‘इसके तहत युवाओं के लिए प्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन के साथ-साथ वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य की पूर्ति में योगदान करने’ पर विशेष जोर दिया जाएगा।’ श्रीमती बादल ने 270 करोड़ रुपये की लागत वाली नई परियोजनाओं को मंजूरी देते समय ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ प्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन पर फोकस किया है। ये परियोजनाएं लगभग 9000 प्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेंगी और कृषि एवं विपणन (मार्केटिंग) को आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों के साथ जोड़ने पर विशेष बल देंगी।
इसके अलावा मंत्रालय 6,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली ‘प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना’ को भी कार्यान्वित कर रहा है जिसके तहत निवेशकों को अनुदान सहायता के रूप में उपयुक्त या अपेक्षित परियोजना लागत के 35 प्रतिशत से लेकर 75 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (यूनिट) की स्थापना करने के अलावा बुनियादी ढांचागत एवं लॉजिस्टिक परियोजनाओं पर भी काम करना है।