Vikrant Shekhawat : Jun 16, 2023, 06:04 PM
Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात तट से टकराने के बाद अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे केंद्र और राज्य सरकार की बेहतरीन आपदा प्रबंधन नीति है. सूत्रों ने बताया है कि पिछली यूपीए सरकार का दृष्टिकोण आपदा के बाद राहत प्रदान करना था, लेकिन मोदी सरकार ने यह दृष्टिकोण बदल दिया. आज दृष्टिकोण आपदा पूर्व तैयारी के कारण शून्य दुर्घटना का है. तकनीकी कार्यान्वयन में कई सुधारों ने इसे संभव बनाया है.केंद्र सरकार की इन कोशिशों से चक्रवातों के कारण जानमाल के नुकसान में लगभग 98 फीसदी की कमी आई है. चक्रवात बिपरजॉय की तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार ने नागरिकों और टीमों की हरसंभव मदद की.सरकार ने पहले ही पूरी कर ली थी सभी तैयारियांगृह मंत्रालय ने चक्रवात बिपरजॉय की तैयारियों को लेकर 13 जून को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से वर्चुअल माध्यम से चर्चा की. गृहमंत्री ने राज्य की ओर से चक्रवात से निपटने के लिए की गई तैयारियों को लेकर चर्चा की और केन्द्र की ओर से हरसंभव मदद की बात कही.सोमवार को पीएम मोदी ने बिपरजॉय के बाद पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और राज्य के मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ बैठक की. इस तूफान से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए केन्द्र और राज्य की एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. पीएम मोदी ने कल भी गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की.गुजरात के आठ तटीय जिलों में कुल 1 लाख से ज्यादा लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है. सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक…कच्छ जिले में लगभग 34 हजार 300 लोगों कोजामनगर में 10 हजारमोरबी में 9 हजार 243राजकोट में 6,089देवभूमि द्वारका में 5,035जूनागढ़ में 4,604पोरबंदर जिले में 3,469और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.इसके साथ, एनडीआरएफ की 15, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 और राज्य बिजली विभाग की 397 टीम विभिन्न तटीय जिलों में तैनात की गई हैं. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ”बिपरजॉय” के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की.मोदी सरकार आपदा निधि वितरण में भी तेजी लाईसाल 2014-15 से 2022-23 तक NDRF के तहत 76 हजार करोड़ जबकि SDRF के लिए 1 लाख 7 हजार करोड़ जारी.यूपीए शासन काल से तुलना करें तो 2005-06 से 2013-14 तक इन 9 सालों में SDRF से 35 हजार 858 करोड़ रुपए जारी हुए थे. जबकि 2014-15 से 2022-23 तक इन 9 सालों में, 1 लाख 7 हजार 940 करोड़ रुपए जारी हुए यानी 3 गुना की बढ़ोतरी हुई.यूपीए शासन काल में 2005-06 से 2013-14 तक इन 9 सालों में NDRF से 25 हजार 36 करोड़ रुपये जारी हुए थे, जबकि 2014-15 से 2022-23 तक इन 9 सालों में 76 हजार 709 करोड़ रुपएजारी हुए यानि 3 गुना की बढ़ोतरी हुई.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फरवरी 2021 में नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन फंड (NDMF) का गठन किया. इसके तहत…NDMF के अंतर्गत 13,693 करोड़ रुपये आवंटित किये गए औरराज्य डिजास्टर मिटिगेशन निधि (SDMF) के अंतर्गत 32,031 करोड़ रुपये आवंटित किये गए.पीएम मोदी ने शुरू की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजनाआपदा प्रबंधन संबंधी सभी एजेंसियों और विभागों के बीच होरिजेंटल और वर्टिकल एकीकरण कर अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को एक मैट्रिक्स प्रारूप में भी निर्धारित किया गया.तत्काल राहत प्रदान करने के लिए अपेक्षित सामग्री सूचि तैयार रखने के लिए 250 करोड़ रुपये के रेवोल्विंग फंड के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन रिज़र्व (NDRR) बनाया गया.NDRF बल की सक्रिय उपलब्धता: पहले से तैनाती की नीति के तहत 26 राज्यों में तैनाती, NDRF की टीमें 28 शहरों में रीजनल रेस्पोंस सेंटर के रूप में काम कर रही है. साथ ही सभी राज्यों में SDRF का गठन.प्रोएक्टिव रुप से Inter-Ministerial Committee (IMC) भेजनाआज प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद, राज्य सरकार के ज्ञापन की प्रतीक्षा किये बिना ही IMCT को भेजा जा रहा है. पिछले 4 वर्षों में, विभिन्न राज्यों में 73 IMCT टीमें भेजी गयीं.आपदा मित्र योजना: इसे 350 बहु-जोखिम आपदा संभावित जिलों में लागू किया गया है, जिसका लक्ष्य 1 लाख से ज्यादा युवा वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया जाना है। इन सभी का सरकार द्वारा जीवन बीमा भी क्या जायेगा। कुल 369.41 करोड़ रु के परिव्यय के साथ आपदा मित्र योजना अनुमोदित की गयी.कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल (CAP): गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2021 में 354 करोड़ रु के परिव्यय से आपदा के संबंध में मोबाइल फोन के जरिये भौगोलिक आधारित तत्काल अलर्ट मुहैया कराने का काम शुरू किया.आपदा आपातकालीन स्थिति के लिए 41 करोड़ रु परिव्यय से डायल 112 इमरजेंसी रेस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (ERSS).देश में 2014-23 के दौरान 20 नए डॉपलर वेदर रडार चालू किए गए हैं, जिससे कुल संख्या 37 हो गई है, जो क्षेत्र में होने वाली गंभीर मौसम की घटनाओं की जानकारी प्रदान करते हैं और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सहायता प्रदान करते हैं.ब्लॉक-स्तरीय मौसम पूर्वानुमान और कृषि मौसम सलाहकार सेवा 2018 में शुरू हुई और 2022 में पूरे देश को कवर किया गया.इन नीतियों से मिली आपदा प्रबंधन में बड़ी सफलताएक मजबूत अर्ली वार्निंग तथा फर्स्ट रेस्पोंडर व्यवस्था लागू करने से बहुत सफलता मिली है। इससे लोगों को पहले ही सूचित कर आपदा के लिए सचेत किया जाता है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाता है.गृह मंत्रालय के इन प्रयासों से चक्रवातों के कारण जानमाल के नुकसान में लगभग 98% की कमी आई है.इसी तरह लू (हीट वेव) से सम्बंधित मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी हासिल की है.अंतराष्ट्रीय सहयोग भी मिलानवम्बर 2016: आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मलेन के दौरान नयी दिल्ली में पीएम मोदी ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) पर 10 सूत्रीय एजेंडे की घोषणा की.फरवरी 2023: बड़े पैमाने पर भूकंप से तबाह तुर्की के प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव कार्यों के लिए सभी आवश्यक उपकरणों के साथ NDRF के 151 कर्मियों वाली तीन टीमें तुर्की भेजी गयी.अप्रैल 2015: नेपाल में जब विनाशकारी भूकंप आया था तो नेपाल सरकार से पहले भारत सरकार वहां मदद के लिए पहुंच गयी. भारत ने उसकी सहायता करने के लिए ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू किया था. लगभग 40 दिनों तक नेपाल में राहत कार्यों को अंजाम देने के बाद भारत का यह ऑपरेशन पूरा हुआ.
- मोदी सरकार ने साइक्लोन की तबाही रोकने के लिए किया तकनीक में सुधार
- मोदी सरकार ने 22 डॉप्लर वेदर रडार लगाए हैं.
- ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम की संख्या को 675 से 808 तक पहुंचाया है.
- 200 एग्रो AWS सिस्टम लगाए गए हैं. साल 2014 से पहले एक भी ऐसा सिस्टम नहीं था.
- भारत के पहले अर्थ सिस्टम मॉडल को लॉन्च किया गया.
- 13 नए अपर एयर ऑब्जर्वेशन सिस्टम लगाए गए हैं.
- 23 जीपीएस बेस्ड पीबी सिस्टम लगाए गए हैं जो पहले एक भी नहीं था.
- एयरपोर्ट पर आरवीआर सिस्टम को 20 से 113 तक बढ़ाया गया है.
- एयरपोर्ट पर डिजिटल करेंट वेदर सिस्टम को भी 29 से बढ़ा कर 69 किया गया है.
- 6 हेलीकॉप्टर वेदर ऑब्जर्वेशन सिस्टम लगाया गया है.
- 2 जियो स्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं.
- वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम को स्टेट ऑफ आर्ट बनाया गया है.