क्रिकेट / भारत ने पहले टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड को 183 रन पर किया ऑल-आउट, बुमराह ने लिए 4 विकेट

भारत ने ट्रेंट ब्रिज में पहले टेस्ट के पहले दिन पहली पारी में इंग्लैंड को 183 रन पर ऑल-आउट किया। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने सर्वाधिक 64(108) रन बनाए जबकि इंग्लैंड के 4 बल्लेबाज़ शून्य पर आउट हुए। भारत के लिए जसप्रीत बुमराह ने 4 विकेट और मोहम्मद शमी ने 3 विकेट लिए जबकि भारत का स्कोर 21/0 है।

Vikrant Shekhawat : Aug 05, 2021, 06:41 AM
क्रिकेट: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर खेला जा रहा है। पहले टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने अपनी खोई लय हासिल की जबकि मोहम्मद शमी ने अपनी गेंदबाजी में पैनापन दिखाया जिससे भारत ने पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन बुधवार को यहां इंग्लैंड को पहली पारी में 183 रन पर आउट करके पहला दिन अपने नाम किया। भारत ने इसके बाद संभलकर बल्लेबाजी की और पहले दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के 21 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (40 गेंदों पर नाबाद नौ) और केएल राहुल (39 गेंदों पर नाबाद नौ) ने 13 ओवर तक सहजता से बल्लेबाजी करके टीम को झटका नहीं लगने दिया। 

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा इंग्लैंड एक समय तीन विकेट पर 138 रन बनाकर अच्छी स्थिति में दिख रहा था लेकिन इसके बाद उसने 45 रन के अंदर अपने आखिरी सात विकेट गंवा दिए। उसकी तरफ से कप्तान जो रूट ने 108 गेंदों का सामना करके सर्वाधिक 64 रन बनाए, जिसमें 11 चौके शामिल हैं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में बेअसर रहे बुमराह ने अपनी लय दिखाई तथा 46 रन देकर चार विकेट लिए। टीम के तीन अन्य तेज गेंदबाजों शमी (28 रन देकर तीन), शार्दुल ठाकुर (41 रन देकर दो) और मोहम्मद सिराज (48 रन देकर एक) ने उनका अच्छा साथ दिया। रोहित और राहुल ने बेहद सतर्कता बरती और किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया। इंग्लैंड की गेंदबाजी में पैनापन भी नहीं दिखा। दिन के आखिरी ओवर में ओली रोबिन्सन ने राहुल के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की विश्वसनीय अपील की। इस पर इंग्लैंड ने रिव्यू भी गंवाया।

इंग्लैंड ने पहले दो सेशन में दो-दो विकेट गंवाए लेकिन तीसरे सत्र में उसकी पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सैम करेन ने इस बीच नाबाद 27 रन जोड़े लेकिन अन्य बल्लेबाजों के पास भारतीय गेंदबाजों का कोई जवाब नहीं था। इंग्लैंड ने लंच तक दो विकेट पर 61 रन बनाए और इस बीच सलामी बल्लेबाज रोरी बर्न्स (शून्य) और जॉक क्राउली (68 गेंदों पर 27) के विकेट गंवाए। दूसरे सत्र डॉम सिब्ले (70 गेंदों पर 18 रन) और जॉनी बेयरस्टो (71 गेंदों पर 29) पवेलियन लौटे। रूट और बेयरस्टो ने चौथे विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की। बादल छाये रहने और स्विंग मिलने का भारतीय गेंदबाजों ने पूरा फायदा उठाया। बुमराह ने भारत शानदार शुरुआत दिलाई। उन्होंने पांचवीं गेंद पर ही बर्न्स को एलबीडब्ल्यू आउट किया। बुमराह ने तीन आउटस्विंगर के बाद लेग स्टंप पर गेंद पिच कराई जो बर्न्स के पैड पर लगी और अपील पर अंपायर की उंगली उठ गई। बल्लेबाज ने डीआरएस लिया लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला। 

भारत को दूसरा विकेट सिराज ने दिलाया। उनके गेंद क्राउली के बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेटकीपर ऋषभ पंत के दस्तानों में पहुंची लेकिन अंपायर ने अपील ठुकरा दी। पंत की सलाह पर कोहली ने रिव्यू लिया जिसे स्पष्ट हो गया कि गेंद ने बल्ले का किनारा लिया था। भारत ने इस ओवर में पहले एक रिव्यू गंवाया था। शमी की गेंदबाजी में गजब का पैनापन था। उन्होंने दूसरे सेशन में राहुल के रूप में मिडविकेट पर फील्डर लगाया और फिर सिब्ले को फ्लिक करने के लिए ललचाया। बल्लेबाज उनके जाल में फंस गये और राहुल ने आसान कैच लपका। सिब्ले के शॉट में नियंत्रण नहीं था। भारतीयों ने कसी हुई गेंदबाजी की लेकिन रूट ने जब भी रन बनाने का मौका मिला उसे भुनाया। उन्होंने धैर्य दिखाया और ढीली गेंदों का इंतजार किया। उन्होंने इस बीच कुछ दर्शनीय शॉट लगाए और अपना 50वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया।

तीसरे सेशन में कहानी एकदम से बदल गई।इसकी शुरुआत चाय के विश्राम से ठीक पहले बेयरस्टो के विकेट से हुई जिन्हें शमी ने एलबीडब्ल्यूआउट किया। भारत का डीआरएस का फैसला तब सही रहा था। शमी तीसरे सेशन में अपना यह ओवर पूरा करते हुए आखिरी गेंद पर डैन लॉरेन्स (शून्य) को पंत के हाथों कैच कराया। जोस बटलर ने 18 गेंद तक क्रीज पर टिके रहे लेकिन वह इस बीच शॉट मारने के लिये संघर्ष करते हुए दिखे। ऐसे में बुमराह की एंगल लेती गेंद उनके बल्ले को चूमकर पंत के दस्तानों में समा गयी। बटलर ने खाता भी नहीं खोला।

शार्दुल ने रूट को फुल लेंथ गेंद परएलबीडब्ल्यूआउट करके टीम को बड़ी सफलता दिलाई। उन्होंने इसी ओवर में नये बल्लेबाज ओली रॉबिन्सन आउट किया जिन्होंने शमी को कैच का अभ्यास कराया। बुमराह ने स्टुअर्ट ब्रॉड (चार) और जेम्स एंडरसन (एक) को पवेलियन भेजा। भारत ने अपनी बल्लेबाजी को मजबूती देने के लिये चौथे तेज गेंदबाज के रूप में शार्दुल को प्लेइंग इलेवन में रखा जबकि सिराज की फॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम में लिया गया। टीम में रवींद्र जडेजा के रूप में एकमात्र स्पिनर हैं।