Adani Group / भारत बनेगा दुनिया का सेमीकंडक्टर हब, इन राज्यों में लगेंगे 6 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने के लिए केंद्र सरकार ने छह प्लांट्स को मंजूरी दी है, जिसमें कुल 2.36 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इन प्लांट्स में अदाणी ग्रुप, माइक्रोन, टाटा, और अन्य कंपनियां शामिल हैं। सरकार 50% पूंजीगत सहायता दे रही है, जिससे लाखों नौकरियों का अनुमान है।

Vikrant Shekhawat : Sep 09, 2024, 08:00 AM
Adani Group: भारत की केंद्र सरकार ने देश को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। सेमीकंडक्टर की बढ़ती भूमिका और उसके भविष्य के महत्व को देखते हुए, वैश्विक और घरेलू कंपनियों द्वारा इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। भारत सरकार की 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' (आईएसएम) के तहत सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने वाली कंपनियों को 50 प्रतिशत पूंजीगत सहायता प्रदान की जा रही है। इससे ना केवल देश की तकनीकी क्षमता बढ़ेगी, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

महाराष्ट्र के रायगढ़ में अदाणी ग्रुप और टावर सेमीकंडक्टर का प्रोजेक्ट

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल में अदाणी ग्रुप और इजरायल की कंपनी टावर सेमीकंडक्टर के सहयोग से एक विशाल सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 83,947 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जो दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण के पूरा होने पर प्लांट की उत्पादन क्षमता 40,000 वेफर्स प्रति महीने होगी, और दूसरे चरण के अंत तक यह क्षमता 80,000 वेफर्स प्रति महीने तक पहुँच जाएगी।

माइक्रोन का गुजरात में ओएसएटी प्लांट

अमेरिका की चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन गुजरात के साणंद जिले में 23,000 करोड़ रुपये के निवेश से आउटसोर्सिंग असेंबली और टेस्टिंग यूनिट (ओएसएटी) प्लांट स्थापित कर रही है। यह भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट होगा जहाँ डीआरएएम और एनएएनडी उत्पादों की असेंबली और टेस्टिंग की जाएगी। प्लांट की चिप्स की आपूर्ति घरेलू और वैश्विक बाजारों में की जाएगी। केंद्र सरकार 50 प्रतिशत और गुजरात सरकार 20 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। यह प्लांट अगले साल के मध्य तक शुरू हो सकता है।

टाटा-पीएसएमसी का गुजरात में फैब्रिकेशन प्लांट

टाटा ग्रुप और ताइवानी कंपनी पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) के साथ मिलकर गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी का निर्माण कर रहे हैं। इस प्लांट में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें 50 प्रतिशत पूंजीगत खर्च केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। प्लांट की उत्पादन क्षमता 50,000 वेफर्स प्रति महीने होगी और इसका उत्पादन दिसंबर 2026 तक शुरू हो सकता है।

असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का ग्रीनफील्ड प्लांट

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स असम के मोरीगांव के जगीरोड में एक ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा स्थापित कर रही है। यह उत्तर पूर्व में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट होगा, जिसमें 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

सीजी पावर का साणंद में ओएसएटी प्लांट

सीजी पावर, जापान के रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में एक अत्याधुनिक ओएसएटी प्लांट स्थापित कर रही है। इस प्लांट में अगले पांच वर्षों में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यहाँ कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रीयल उपकरण और 5जी टेक्नोलॉजी में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर बनाए जाएंगे। यह प्लांट प्रति दिन लगभग 1.5 करोड़ चिप्स का उत्पादन करेगा।

कायन्स सेमीकॉन का साणंद में ओएसएटी प्लांट

कायन्स सेमीकॉन गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से एक ओएसएटी प्लांट स्थापित कर रही है। इस प्लांट की क्षमता प्रति दिन 63 लाख चिप्स होगी। इस प्लांट को हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त हुई है।

इन सभी प्रोजेक्ट्स के चलते भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। इससे न केवल देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। केंद्र सरकार की यह पहल भारतीय उद्योग जगत में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी और वैश्विक सेमीकंडक्टर मार्केट में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।