India China Disengagement / सोमवार तक गोगरा हॉट स्प्रिंग्स से पूरी तरह हट जाएगी भारत-चीन की सेना, बंकर भी होंगे ध्वस्त

लद्दाख (Ladakh) के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) से भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी सोमवार तक पूरी हो जाएगी. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को तोड़ा जाएगा और पारस्परिक रूप से सत्यापित किया जाएगा.

Vikrant Shekhawat : Sep 09, 2022, 05:37 PM
India China Disengagement: लद्दाख (Ladakh) के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) से भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी सोमवार तक पूरी हो जाएगी. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को तोड़ा जाएगा और पारस्परिक रूप से सत्यापित किया जाएगा.

गलवान में शहीद हुए थे 20 भारतीय सैनिक

बता दें कि भारत और चीन गलवान क्षेत्र (India China Galwan Conflict) से अब तक अलग होने में सफल रहे हैं, जहां जून 2020 में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच भयंकर झड़प हुई थी. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिकों (Indian Army) ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए या घायल हुए थे.

LAC पर शांति बहाल करने पर सहमत हुए दोनों पक्ष

दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र (गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स) में आगे की तैनाती को रोकने के लिए सहमति व्यक्त की है. यही कारण है कि अब दोनों पक्षों के सैनिक अपने-अपने क्षेत्रों में वापस लौट रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों ने शेष मुद्दों को सुलझाने और भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में एलएसी के पास शांति बहाल करने पर भी दोनों देश सहमत हैं.

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि इस विवादित इलाके से पीछे हटने के बाद दोनों देश एलएसी पर अब स्टैंड-ऑफ से पहले यानी अप्रैल 2020 जैसी स्थिति पर फिर से लौट आएंगे. साथ ही दोनों देश इस बात की तस्दीक भी करेंगे कि वाकई डिसइंगेजमेंट हुआ या नहीं.

17 जुलाई को हुई थी कमांडर स्तर की वार्ता

प्रवक्ता बागची ने कहा कि समझौता सुनिश्चित करता है कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा या एलएसी (LAC) का दोनों पक्षों द्वारा कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यथास्थिति में कोई एकतरफा बदलाव नहीं होगा. बता दें कि भारत और चीन के बीच 16वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता 17 जुलाई को हुई थी. इससे पहले दोनों पक्ष मार्च में बातचीत के लिए मिले थे.