देश / भारत निर्मित ड्रोन ने मणिपुर में की वैक्सीन की डिलीवरी, दक्षिण एशिया में पहली बार

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कोविड-19 वैक्सीन की डिलीवरी के लिए आईसीएमआर के ड्रोन रेस्पॉन्स ऐंड आउटरीच इन नॉर्थ-ईस्ट अभियान को लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि पहली बार दक्षिण एशिया में वैक्सीन की डिलीवरी के लिए 'मेक इन इंडिया' ड्रोन का इस्तेमाल हुआ। बकौल मंत्री, ड्रोन ने 12-15 मिनट में 15-किलोमीटर की हवाई-दूरी तय कर वैक्सीन डिलीवर की।

Vikrant Shekhawat : Oct 05, 2021, 08:23 AM
मणिपुर: देश में आज पहली बार ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन भेजी गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मणिपुर से इसकी शुरुआत की. साउथ ईस्ट एशिया में पहली बार ड्रोन का कमर्शियल इस्तेमाल किया गया. वैक्सीन मणिपुर के बिशनपुर से करांग तक भेजी गई. सड़क रास्ते से दोनों के बीच की दूरी 26 किमी है. लेकिन ड्रोन से यह 15 किमी रह गई. लेकिन ICMR ने सिर्फ 12- 15 मिनट में वैक्सीन पहुंचा दी. 

ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन भेजने की शुरुआत सोमवार से हुई. दरअसल, पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में वैक्सीन ले जाने में हेल्थ वर्कर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन नई तकनीकी से यह काफी आसान हो जाएगा. 

आईसीएमआर ने भेजी वैक्सीन

आईसीएमआर ने मणिपुर के लोक टक झील होते हुए करांग आइलैंड पर ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन पहुंचाई. भारत में बना ये ड्रोन ऑटोमैटिक मोड में उड़ा और निर्धारित जगह पर आसानी से पहुंचा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ICMR, मणिपुर गवर्नमेंट, टेक्निकल स्टाफ को बधाई दी. उन्होंने कहा, अभी ड्रोन से वैक्सीन पहुंचाई गई. लेकिन आने वाले समय में इमरजेंसी मेडिकल स्थिति में भी लाइफ सेविंग ड्रग्स को इसके जरिए पहुंचाया जा सकता है.

करांग में 30% लोगों को लगी वैक्सीन

मणिपुर के करांग इलाके  की आबादी करीब 3500 है. इसमें 30% को टीके के दोनों डोज लग चुकी हैं. आने वाले समय में मणिपुर के दो और जिलों में ऐसे ड्रोन की मदद से टीका पहुंचाने की योजना है. टीकाकरण अभियान के तहत अब 100 करोड़ डोज का आंकड़ा जल्दी पूरा होने वाला है. अब मुश्किल रास्तों को आसान बनाने को लेकर तकनीक की मदद ली जा रही है.