Zee News : Apr 29, 2020, 11:30 AM
नई दिल्ली: चीन की सरहद से निकले जिस कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है, उसे लेकर भारत के वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है। जब से ये वायरस अस्तित्व मे आया है, दुनिया भर के साइंटिस्ट इस पर रिसर्च मे जुटे हुए हैं।
भारत में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स ने कोरोना वायरस पर एक बड़ा रिसर्च किया है। कोलकाता से 50 किलोमीटर दूर कल्याणी के इस इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक कोरोना वायरस पर हुए रिसर्च में ये पता चला है कि खुद में लगातार बदलाव कर कोरोना वायरस 11 अलग-अलग टाइप में बदल चुका है। इसी में इसका एक रूप है A2a। शोध से पता चला है कि A2a टाइप कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक रूप है। अब कोरोना का यही रूप पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमण फैला रहा है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स की रिसर्च में ये भी पता चला है कि कोरोना के बाकी वायरस के मुकाबले A2a वायरस का तेजी से ट्रांसमिशन होता है। इसी के चलते ये पूरी दुनिया में तेजी से फैल गया है।
A2a वायरस इंसान के फेफड़े में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की क्षमता रखता है। पिछला SARSCoV वायरस, जिसने दस साल पहले 800 लोगों की जान ली थी और 8 हजार से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया था, उसने भी इंसानों के फेफड़े में घुसने की क्षमता विकसित कर ली थी। हालांकि उसकी ये क्षमता A2a वायरस के मुकाबले काफी कम थी,
रिसर्च के मुताबिक पिछले 4 महीने में कोविड-19 वायरस के 10 प्रकार अपने पुराने 'O' टाइप के थे। मार्च के आखिरी सप्ताह से A2a ने पुराने वायरस की जगह लेनी शुरू की और अब पूरी दुनिया में ये फैल चुका है। ये दूसरे प्रकार के वायरस को रिप्लेस कर चुका है और SARSCoV2 का ताकतवर प्रकार बन चुका है।
भारत में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स ने कोरोना वायरस पर एक बड़ा रिसर्च किया है। कोलकाता से 50 किलोमीटर दूर कल्याणी के इस इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक कोरोना वायरस पर हुए रिसर्च में ये पता चला है कि खुद में लगातार बदलाव कर कोरोना वायरस 11 अलग-अलग टाइप में बदल चुका है। इसी में इसका एक रूप है A2a। शोध से पता चला है कि A2a टाइप कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक रूप है। अब कोरोना का यही रूप पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमण फैला रहा है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स की रिसर्च में ये भी पता चला है कि कोरोना के बाकी वायरस के मुकाबले A2a वायरस का तेजी से ट्रांसमिशन होता है। इसी के चलते ये पूरी दुनिया में तेजी से फैल गया है।
A2a वायरस इंसान के फेफड़े में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की क्षमता रखता है। पिछला SARSCoV वायरस, जिसने दस साल पहले 800 लोगों की जान ली थी और 8 हजार से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया था, उसने भी इंसानों के फेफड़े में घुसने की क्षमता विकसित कर ली थी। हालांकि उसकी ये क्षमता A2a वायरस के मुकाबले काफी कम थी,
रिसर्च के मुताबिक पिछले 4 महीने में कोविड-19 वायरस के 10 प्रकार अपने पुराने 'O' टाइप के थे। मार्च के आखिरी सप्ताह से A2a ने पुराने वायरस की जगह लेनी शुरू की और अब पूरी दुनिया में ये फैल चुका है। ये दूसरे प्रकार के वायरस को रिप्लेस कर चुका है और SARSCoV2 का ताकतवर प्रकार बन चुका है।