Corona / महामारी के झटके से संभले भारतीय, स्वच्छ जीवन-अच्छा भोजन और सेहत की बढ़ी ललक

कोरोना महामारी के झटके ने दुनिया को स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए ज्यादा जागरूक बना दिया है। भारतीयों में भी साफ-सुथरे जीवन, अच्छे खान-पान और सेहत की सुरक्षा को लेकर चिंता और ललक बढ़ गई है। कोरोनाकाल में फेसबुक की बोस्टन कंसल्टिंग समूह के साथ तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट- टर्न द टाइड में सामने आया कि देश में स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में जानने के लिए ऑनलाइन सर्च में 120 फीसदी इजाफा हुआ है।

Vikrant Shekhawat : Apr 07, 2022, 12:18 PM
कोरोना महामारी के झटके ने दुनिया को स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए ज्यादा जागरूक बना दिया है। भारतीयों में भी साफ-सुथरे जीवन, अच्छे खान-पान और सेहत की सुरक्षा को लेकर चिंता और ललक बढ़ गई है। कोरोनाकाल में फेसबुक की बोस्टन कंसल्टिंग समूह के साथ तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट- टर्न द टाइड में सामने आया कि देश में स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में जानने के लिए ऑनलाइन सर्च में 120 फीसदी इजाफा हुआ है।

40 फीसदी भारतीयों ने पहले के मुकाबले ज्यादा विटामिन, आयुर्वेदिक वस्तुएं और पोषक तत्व खरीदने की इच्छा जाहिर की। लॉकडाउन के बाद से ही ताजा भोजन और घरेलू साफ-सफाई की वस्तुओं की ओर लोगों का रुझान काफी बढ़ा है। साथ ही डिब्बाबंद पदार्थों को लेकर भी सावधानी बरती जाने लगी है। सर्वे में 44 फीसदी भारतीयों ने स्वस्थ व ताजा खाने पर खर्च बढ़ाने की बात कही। वहीं, 85 फीसदी परिवारों ने कहा कि उनकी यह आदत आगामी महीनों में भी जारी रहेगी।

कोरोना महामारी ने लोगों को घर के बने भोजन की अहमियत का अहसास कराने में बड़ी भूमिका निभाई। सर्वे में 18-45 साल के आयु वर्ग वाले अधिकांश लोगों ने माना कि उनका ध्यान घर में पके खाने पर ही रहेगा। 47 फीसदी भारतीय घरों में घर और टॉयलेट की सफाई पर जोर दिया जाने लगा है। 91 फीसदी लोग पहले के मुकाबले ज्यादा हाथ धोते हैं। रोगाणुओं से बचाव करने वाले सैनिटाइजर और हैंडवॉश जैसे उत्पाद बड़ी संख्या में लोगों के घरों का स्थायी हिस्सा बन गए हैं।

कोरोना काल में इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ। पहली लहर में तो यह वृद्धि 14 गुना थी। प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पादों के बारे में जानने को लेकर होने वाले ऑनलाइन सर्च में करीब डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। नए ऑनलाइन खरीदारों में होम केयर, निजी देखभाल और कॉस्मेटिक उत्पादों की संख्या क्रमश 1.45, 1.3 और 1.35 गुना बढ़ी है।