देश / भारत की पहली कोविड-19 की नेज़ल वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल को मंज़ूरी दी: सरकार

भारत बायोटेक द्वारा विकसित भारत की कोविड-19 की पहली नेज़ल वैक्सीन को दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंज़ूरी दी गई है। सरकार ने कहा, "यह भारत में इंसानों पर होने वाले क्लीनिकल ट्रायल से गुज़रने वाली अपनी तरह की पहली कोविड-19 वैक्सीन है।" बतौर सरकार, 18-60 साल के आयुवर्ग पर पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो गया है।

Vikrant Shekhawat : Aug 14, 2021, 08:51 AM
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत को जल्द ही एक और वैक्सीन मिलने जा रही है. यह वैक्सीन (Corona Vaccine) नाक से ड्रॉप के रूप में दी जा सकेगी.

भारत बायोटेक विकसित कर रही वैक्सीन

जानकारी के मुताबिक यह वैक्सीन भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की ओर से विकसित की जा रही है. कंपनी को इस वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है.  क्लिनिकल परीक्षण के लिए नियामक की मंजूरी मिल गयी है. जैवप्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने कहा कि इस दवा के पहले चरण का ट्रायल 18 साल से 60 साल के लोगों पर किया गया था. जो पूरी तरह सफल रहा है. 

नाक से दिया जाने वाला पहला टीका

DBT ने कहा, ‘नाक से दिया जाने वाला भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का यह पहला नेजल टीका है. जिसे दूसरे चरण के परीक्षण के लिए नियामक की मंजूरी मिल गयी है.’ इससे डीबीटी ने एक बयान में कहा था कि कंपनी को दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है. यह इस तरह का कोरोना का पहला टीका (Corona Vaccine) है, जिसका भारत में मनुष्यों पर ट्रायल होगा. कंपनी ने इसकी तकनीक सेंट लुईस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी.

पहले चरण में किसी को नहीं हुआ साइड इफेक्ट

DBT ने कहा, ‘कंपनी ने जानकारी दी है कि पहले चरण के ट्रायल में शामिल लोगों के शरीर ने टीकों की डोज को सहजतापूर्वक स्वीकार कर लिया. कहीं से भी साइड इफेक्ट की जानकारी नहीं है.’ इससे पहले के अध्ययनों में भी टीका सुरक्षित पाया गया है. DBT ने कहा कि पशुओं पर हुई स्टडी में यह टीका एंटीबॉडी का उच्च स्तर बनाने में सफल रहा.