Zee News : Sep 04, 2020, 03:54 PM
नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच AK 203 रायफल की खरीद का समझौता हो गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ के मॉस्को दौरे पर इस डील पर मुहर लग गई है। AK 203 रायफल AK-47 का एडवांस्ड वर्जन है। भारतीय सेना को 7 लाख 70 हज़ार AK 203 रायफल की ज़रूरत है। इनमें से 1 लाख AK 203 रायफल रूस से आयात की जाएंगी।
दुनिया की सबसे खतरनाक रायफल हैं कलाश्निकोवबताते चलें कि पिछले 70 वर्षों से एके 47 यानी ऑटोमैटिक Kalashnikov (कलाश्निकोव) दुनिया का सबसे जाना पहचाना हथियार है। एके सीरीज़ की रायफलें चलाने में आसान हैं। इसे तैयार और फायर करने में बहुत कम वक्त लगता है और सैंकड़ों मीटर दूर तक इसकी गोलियां घातक हमला करती हैं।
बिना रूके लगातार गोलियां दाग सकती है क्लाश्निकोवKalashnikov रायफल का निशाना अचूक होता है और बिना रूके लगातार गोलियां दागने की काबिलियत इसे हर सैनिक का भरोसेमंद साथी बनाती है। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी भारतीय सुरक्षा बलों की पहली पसंद एके 47 रायफल है। भारतीय सेना की एंटी टेरर फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स के झंडे में भी एके 47 को जगह दी गई है। भारतीय सेनाओं को ओर घातक बनाने के लिए अब इसे नए हथियारों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए एके 47 रायफलों को रिप्लेस कर ज्यादा आधुनिक एके 203 रायफल दिए जाने पर काम चल रहा है।
AK-47 का उन्नत वर्जन है AK-203Kalashnikov कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ मिखाइल बताते हैं कि ये पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक और नए जमाने के मुताबिक बनाई गई रायफल है। AK-203 रायफल पर पहले की AK-47 रायफलों की तरह भरोसा किया जा सकता है। ये बहुत जरूरी है कि एक सैनिक अपने हथियार पर पूरा भरोसा करता हो।
60 गोलियों वाली मैगजीन लगाई जा सकती हैउन्होंने कहा कि एके 203 में 30 के बदले 60 गोलियों वाली मैगज़ीन लगाई जा सकती है। इससे ये पहले से ज्यादा देर तक दुश्मनों का मुकाबला करेगी। मौसम चाहे कितना भी खराब हो। बर्फबारी हो रही हो या धूल भरी आंधी हो। एके 203 हर मौसम में काम करेगी। दावा है कि एके 203 पुरानी गन के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा सटीक निशाना लगाती है।
अमेठी में लगेगी 7.5 लाख AK-203 रायफलसमझौते के तहत भारत और रूस मिलकर उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके सीरीज़ की सबसे आधुनिक राइफल बनाएंगे। Make In India के तहत यहां साढ़े सात लाख राइफलें बनाई जाएंगी। रूस के फेडरल मिलिट्री Cooperation के डायरेक्टर दिमित्री सुगायेव कहते हैं कि AK-203 से हमें ज्यादा सफलता मिलेगी। यह दूसरी रायफलों से अलग है। भारत ऐसा पहला देश है जिसके साथ मिलकर Kalashnikov रायफल बनाई जाएंगी।
रूस की स्पेशल फोर्सेज अपने मिशन में AK-203 पर भरोसा करती हैंRussia की स्पेशल फोर्सेज अपने मिशन को सौ फीसदी सटीकता के साथ पूरा करने के लिए इसी हथियार पर भरोसा करती है। अब भारतीय सेना भी शत्रुओं के खिलाफ इसी रायफल का इस्तेमाल करेगी।
मिखाइल कलाश्निकोव ने किया था डिजाइनAK 203 पुरानी AK 47 का नया अवतार है।।।AK 47 का पूरा नाम Automatic Kalashnikov(कलाश्निकोव) 47 है, इस राइफल का निर्माण वर्ष 1947 में शुरु हुआ था । और इसका नाम Mikhail (मिखाइल) Kalashnikov (कलाश्निकोव) के नाम पर पड़ा था, जिन्होंने इस रायफल को डिज़ाइन किया था
हर तरह के मौसम में काम करेगी AK 203 रायफलहर मौसम में काम करना भी AK 203 की बड़ी खूबी है। ये रायफल सियाचिन की माइनस 35 डिग्री की ठंड, थार रेगिस्तान की धूल भरी हवा और North East की Non Stop बारिश वाले मौसम में भी बिना रूके काम करेगी। AK 203 की गोलियां फायर करने की रफ्तार भी काफी तेज है। ये रायफल 60 सेकेंड में 600 गोलियां दाग सकती है। यानी एक सेकेंड में 10 गोलियां। ऐसी घातक क्षमता का मुकाबला करना किसी के लिए भी आसान नहीं है।
नाइट विजन वाले कैमरे भी लगाए जा सकते हैंभारतीय सैनिक चौबीसों घंटे आतंकवादियों से लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए AK 203 रायफल में Night Vision यानी रात में देखने में मदद करने वाले उपकरण भी लगाए जा सकते हैं। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में AK सीरीज की रायफल इस्तेमाल की जाती है।
दुनिया की सबसे खतरनाक रायफल हैं कलाश्निकोवबताते चलें कि पिछले 70 वर्षों से एके 47 यानी ऑटोमैटिक Kalashnikov (कलाश्निकोव) दुनिया का सबसे जाना पहचाना हथियार है। एके सीरीज़ की रायफलें चलाने में आसान हैं। इसे तैयार और फायर करने में बहुत कम वक्त लगता है और सैंकड़ों मीटर दूर तक इसकी गोलियां घातक हमला करती हैं।
बिना रूके लगातार गोलियां दाग सकती है क्लाश्निकोवKalashnikov रायफल का निशाना अचूक होता है और बिना रूके लगातार गोलियां दागने की काबिलियत इसे हर सैनिक का भरोसेमंद साथी बनाती है। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी भारतीय सुरक्षा बलों की पहली पसंद एके 47 रायफल है। भारतीय सेना की एंटी टेरर फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स के झंडे में भी एके 47 को जगह दी गई है। भारतीय सेनाओं को ओर घातक बनाने के लिए अब इसे नए हथियारों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए एके 47 रायफलों को रिप्लेस कर ज्यादा आधुनिक एके 203 रायफल दिए जाने पर काम चल रहा है।
AK-47 का उन्नत वर्जन है AK-203Kalashnikov कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ मिखाइल बताते हैं कि ये पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक और नए जमाने के मुताबिक बनाई गई रायफल है। AK-203 रायफल पर पहले की AK-47 रायफलों की तरह भरोसा किया जा सकता है। ये बहुत जरूरी है कि एक सैनिक अपने हथियार पर पूरा भरोसा करता हो।
60 गोलियों वाली मैगजीन लगाई जा सकती हैउन्होंने कहा कि एके 203 में 30 के बदले 60 गोलियों वाली मैगज़ीन लगाई जा सकती है। इससे ये पहले से ज्यादा देर तक दुश्मनों का मुकाबला करेगी। मौसम चाहे कितना भी खराब हो। बर्फबारी हो रही हो या धूल भरी आंधी हो। एके 203 हर मौसम में काम करेगी। दावा है कि एके 203 पुरानी गन के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा सटीक निशाना लगाती है।
अमेठी में लगेगी 7.5 लाख AK-203 रायफलसमझौते के तहत भारत और रूस मिलकर उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके सीरीज़ की सबसे आधुनिक राइफल बनाएंगे। Make In India के तहत यहां साढ़े सात लाख राइफलें बनाई जाएंगी। रूस के फेडरल मिलिट्री Cooperation के डायरेक्टर दिमित्री सुगायेव कहते हैं कि AK-203 से हमें ज्यादा सफलता मिलेगी। यह दूसरी रायफलों से अलग है। भारत ऐसा पहला देश है जिसके साथ मिलकर Kalashnikov रायफल बनाई जाएंगी।
रूस की स्पेशल फोर्सेज अपने मिशन में AK-203 पर भरोसा करती हैंRussia की स्पेशल फोर्सेज अपने मिशन को सौ फीसदी सटीकता के साथ पूरा करने के लिए इसी हथियार पर भरोसा करती है। अब भारतीय सेना भी शत्रुओं के खिलाफ इसी रायफल का इस्तेमाल करेगी।
मिखाइल कलाश्निकोव ने किया था डिजाइनAK 203 पुरानी AK 47 का नया अवतार है।।।AK 47 का पूरा नाम Automatic Kalashnikov(कलाश्निकोव) 47 है, इस राइफल का निर्माण वर्ष 1947 में शुरु हुआ था । और इसका नाम Mikhail (मिखाइल) Kalashnikov (कलाश्निकोव) के नाम पर पड़ा था, जिन्होंने इस रायफल को डिज़ाइन किया था
हर तरह के मौसम में काम करेगी AK 203 रायफलहर मौसम में काम करना भी AK 203 की बड़ी खूबी है। ये रायफल सियाचिन की माइनस 35 डिग्री की ठंड, थार रेगिस्तान की धूल भरी हवा और North East की Non Stop बारिश वाले मौसम में भी बिना रूके काम करेगी। AK 203 की गोलियां फायर करने की रफ्तार भी काफी तेज है। ये रायफल 60 सेकेंड में 600 गोलियां दाग सकती है। यानी एक सेकेंड में 10 गोलियां। ऐसी घातक क्षमता का मुकाबला करना किसी के लिए भी आसान नहीं है।
नाइट विजन वाले कैमरे भी लगाए जा सकते हैंभारतीय सैनिक चौबीसों घंटे आतंकवादियों से लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए AK 203 रायफल में Night Vision यानी रात में देखने में मदद करने वाले उपकरण भी लगाए जा सकते हैं। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में AK सीरीज की रायफल इस्तेमाल की जाती है।