पर्यावरण / भारत ने किया यह विश्व रिकार्ड अपने नाम, बाघों की गणना से जुड़ा है मामला

भारत में बाघों की गणना ने विश्व के सबसे बड़े कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इसे एक महान क्षण और 'आत्मनिर्भर भारत' का एक बेहतरीन उदाहरण बताया है। देश के लिए अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 का चौथा चक्र, जिसके परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष वैश्विक बाघ दिवस के अवसर पर घोषित किए गए थे।

Vikrant Shekhawat : Jul 11, 2020, 05:12 PM
New Delhi | भारत में बाघों की गणना ने विश्व के सबसे बड़े कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इसे एक महान क्षण और 'आत्मनिर्भर भारत' का एक बेहतरीन उदाहरण बताया है। 

देश के लिए अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 का चौथा चक्र, जिसके परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष वैश्विक बाघ दिवस के अवसर पर घोषित किए गए थे, दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस उपलब्धि को एक महान क्षण बताते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने अपने ट्वीट में कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत का जीता जागता उदाहरण है, जिसे प्रधानमंत्री के शब्दों में संकल्प से सिद्धि के माध्यम से प्राप्त किया गया है। 

इसके आगे, पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने लक्ष्य से चार वर्ष पूर्व ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है। नवीनतम गणना के अनुसार, देश में बाधों की अनुमानित संख्या 2,967 हैं। इस संख्या के साथ, भारत में बाघ वैश्विक संख्या का लगभग 75% निवास करते हैं और भारत द्वारा 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से बहुत पहले ही प्राप्त किया जा चुका है।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट के प्रशस्ति पत्र में लिखा गया है- "2018-19 में किए गए सर्वेक्षण की चौथी पुनरावृत्ति- संसाधन और डेटा दोनों के हिसाब से अब तक का सबसे व्यापक रहा है। कैमरा ट्रैप (मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण, जो किसी भी जानवर के गुजरने पर रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं) को 141 ​​विभिन्न साइटों में 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1,21,337 वर्ग किलोमीटर (46,848 वर्ग मील) के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया। कुल मिलाकर, कैमरा ट्रैप ने वन्यजीवों की 3,48,58,623 तस्वीरों को खींचा (जिनमें 76,651 बाघों के, 51,777 तेंदुए के; शेष अन्य जीव-जंतुओं के थे)। इन तस्वीरों के माध्यम से, 2,461 बाघों (शावकों को छोड़कर) की पहचान स्ट्राइप-पैटर्न- रिकॉग्नाइज सॉफ्टवेयर का उपयोग करके की गई।

अभूतपूर्व रूप से कैमरा ट्रैप का  उपयोग करने के साथ-साथ, 2018 "स्टेटस ऑफ़ टाइगर्स इन इंडिया" का मूल्यांकन व्यापक फुट सर्वेक्षण के माध्यम से भी किया गया, जिसमें 522,996 किमी (324,975 मील) का सफर तय किया गया और वनस्पति और खाद्य गोबर वाले 317,958 निवास स्थलों को शामिल किया गया। यह अनुमान लगाया गया कि अध्ययन किए गए वन का कुल क्षेत्रफल 381,200 वर्ग किमी (147,181 वर्ग मील) था और कुल मिलाकर 620,795 श्रम-दिवस आंकड़ों का संग्रह और समीक्षा करने में लगाया गया।”