Donald Trump News / क्या ट्रंप कॉपी कर रहे हैं पीएम मोदी के फैसले को? इस कदम से दिखाई झलक

अमेरिका के नवर्निवाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जनवरी में सत्ता संभालेंगे और अपने दूसरे कार्यकाल के लिए टीम तैयार कर रहे हैं। उन्होंने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) मंत्रालय में नियुक्त किया है, जिसका उद्देश्य सरकारी कामकाज को चुस्त और प्रभावी बनाना है।

Vikrant Shekhawat : Nov 14, 2024, 01:00 PM
Donald Trump News: अमेरिका के नवर्निवाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले साल जनवरी में सत्ता संभालेंगे, और उनके दूसरे कार्यकाल के लिए तैयारियों की शुरुआत हो चुकी है। ट्रंप इस बार अपने प्रशासन में कुछ बड़े बदलाव करने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत उन्होंने अपनी टीम में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को भी शामिल किया है। इनकी नियुक्ति एक ऐसे मंत्रालय की जिम्मेदारी को सौंपने के लिए की गई है, जो पूरी तरह से नया और अनोखा है। यह मंत्रालय है डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE), जिसे ट्रंप प्रशासन ने गठित किया है।

यह मंत्रालय ट्रंप के प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जो किसी हद तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन से मेल खाता है। पीएम मोदी ने पिछले दशक में अपनी सरकार में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनका उद्देश्य सरकारी कामकाज को पारदर्शी, प्रभावी और सरल बनाना था। ट्रंप का नया मंत्रालय इस दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

क्या होगा ट्रंप के नए मंत्रालय का काम?

डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी सरकार के कार्यों को प्रभावी और चुस्त-दुरुस्त बनाना है। यह मंत्रालय अगले दो वर्षों में सरकारी खर्चों में कटौती, अनावश्यक कानूनों को समाप्त करने और सरकारी एजेंसियों का पुनर्गठन करने का कार्य करेगा। इसके अतिरिक्त, सरकार के आकार को छोटा और प्रभावी बनाने का भी लक्ष्य है।

यह मंत्रालय 4 जुलाई 2026 तक काम करेगा, जब अमेरिका अपनी स्वतंत्रता की 250वीं वर्षगांठ मनाएगा। ट्रंप ने इसे अपनी "मैनहट्टन प्रोजेक्ट" का नाम दिया है। यह नाम ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि "मैनहट्टन प्रोजेक्ट" वह योजना थी जिसके तहत द्वितीय विश्व युद्ध में परमाणु बम बनाने की दिशा में काम किया गया था।

भारत में भी उठाए गए ऐसे कदम

यदि इसे भारतीय दृष्टिकोण से देखा जाए, तो इसे सुशासन मंत्रालय के समान कहा जा सकता है। हालांकि भारत में ऐसा कोई विशेष मंत्रालय नहीं है, लेकिन पिछले 10 वर्षों में भारतीय सरकार ने ऐसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनका उद्देश्य सरकार के कामकाज को सुधारना था। इनमें गैरजरूरी कानूनों को समाप्त करना, नियमों को सरल बनाना और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने "मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस" की नीति पर जोर दिया है, जिसमें सरकारी दखल को कम किया गया और मंत्रालयों के बीच तालमेल को बढ़ाया गया। इसके अलावा, सरकार में पेशेवरों की भर्ती और कामकाजी दक्षता को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गई।

क्या था मैनहट्टन प्रोजेक्ट?

मैनहट्टन प्रोजेक्ट द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका का वह अहम कार्यक्रम था जिसके तहत दुनिया का पहला परमाणु बम तैयार किया गया। यह परियोजना अमेरिकी सेना के इंजीनियरों की देखरेख में ब्रिटेन और कनाडा के सहयोग से चल रही थी। जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर, अल्बर्ट आइंस्टीन, एनरिको फर्मी और नील्स बोहर जैसे महान वैज्ञानिकों ने मैनहट्टन प्रोजेक्ट का हिस्सा होकर परमाणु बम के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। इस परियोजना ने न केवल परमाणु शक्ति के दृष्टिकोण को बदल दिया, बल्कि इसे एक समय में 130,000 लोगों के लिए रोजगार का अवसर भी प्रदान किया।

आज ट्रंप का डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी भी कुछ इसी प्रकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसमें उनका उद्देश्य सरकारी सिस्टम को पूरी तरह से नया रूप देना है, ताकि अमेरिका अपने आगामी 250 वर्षों की यात्रा में बेहतर तरीके से आगे बढ़ सके।

निष्कर्ष

अमेरिका में ट्रंप के द्वारा गठित डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का उद्देश्य न केवल सरकारी कामकाज को सुधारना है, बल्कि यह एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जो भारतीय प्रशासनिक सुधारों से भी मेल खाता है। ट्रंप के इस मंत्रालय के जरिए यह उम्मीद की जा रही है कि वह सरकारी कार्यों को बेहतर, पारदर्शी और प्रभावी बना पाएंगे। यह मंत्रालय न केवल अमेरिकी प्रशासन के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे सरकारी प्रणाली में सुधार लाकर एक विकसित राष्ट्र की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं।