Vikrant Shekhawat : Feb 09, 2024, 05:53 PM
Ravindra Jadeja News: टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा बड़े विवाद में फंस गए हैं. जडेजा के पिता ने एक इंटरव्यू में अपने बेटे और बहू पर गंभीर आरोप लगाए हैं. भारतीय क्रिकेटर के पिता ने आरोप लगाया है कि दोनों के बीच किसी तरह की बात नहीं होती और काफी वक्त से अलग रह रहे हैं. इतना ही नहीं, पिता ने रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा पर भी आरोप लगाए हैं. अब इस मामले में जडेजा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और एक बयान जारी करते हुए इन आरोपों को गलत और एकतरफा बताया है.रवींद्र के पिता अनिरुद्धसिंह जडेजा ने एक गुजराती अखबार को दिए इंटरव्यू में अपने बेटे और बहू पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 2016 में रिवाबा से शादी के बाद से ही उनका बेटा पूरी तरह बदल गया था. उन्होंने रवींद्र की पत्नी रिवाबा पर आरोप लगाया कि शादी के 2-3 महीनों बाद ही वो सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करने का दबाव बनाने लगीं. उन्होंने ये भी कहा कि रवींद्र और उनकी पत्नी परिवार से अलग रहते हैं और उनसे बातें भी नहीं करते.आरोपों से बौखलाए जडेजाइस इंटरव्यू के आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है और अब जडेजा ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है. पिता के आरोपों से बौखलाए जडेजा ने गुजराती में अपना बयान जारी किया और इंटरव्यू को ‘स्क्रिप्टेड’ बताते हुए इसे अनदेखा करने की अपील की. अपने बयान में जडेजा ने लिखा कि अखबार में आया हालिया आर्टिकल बकवास और झूठा है और बिल्कुल एकतरफा है. भारतीय ऑलराउंडर ने आगे लिखा कि उसमें कही बातें सही नहीं हैं और वो इससे सहमत नहीं हैं.
पत्नी को बदनाम करने की कोशिशरिवाबा पर लगे आरोपों से जडेजा और भी ज्यादा खफा नजर आए और कहा कि ये उनकी पत्नी की छवि को खराब करने की कोशिश है, जिसकी वो निंदा करते हैं. इसके बाद जडेजा ने चेतावनी देते हुए कहा कि वो भी सार्वजनकि रूप से बहुत कुछ कह सकते हैं लेकिन वो ऐसा करने से बचेंगे.Let's ignore what's said in scripted interviews 🙏 pic.twitter.com/y3LtW7ZbiC
— Ravindrasinh jadeja (@imjadeja) February 9, 2024
पिता-बहनों से बात नहीं करते रवींद्ररवींद्र जडेजा के पिता एक चौकीदार थे और उन्होंने गरीबी के बीच अपने बेटे को पालकर बड़ा किया और उन्हें क्रिकेटर बनाया. रवींद्र जडेजा जब काफी छोटे थे, तब ही उनकी मां का निधन हो गया था. ऐसे में उनकी दो बड़ी बहनों ने मिलकर उनकी परवरिश की और क्रिकेटर बनने के ख्वाब को पूरा करने में मदद की. अब पिता का आरोप है कि वो और उनकी दोनों बेटियां एक फ्लैट में रहती हैं, जबकि जडेजा और उनकी पत्नी उन सबसे अलग एक घर में रहते हैं. उन्होंने साथ ही आरोप लगाया है कि रवींद्र अपने पिता और बहनों से बात नहीं करते और अब उन्हें इस बात का अफसोस है कि उन्होंने रवींद्र को क्रिकेटर बनाया और रिवाबा से शादी करवाई.रवींद्र की शादी के तीन महीने बाद से ही घर में कलहअनिरुद्ध सिंह जडेजा बताते हैं, 'मैं आपको सच बता रहा हूं। शादी के तीन महीने बाद ही रीवाबा कहने लगीं कि सब कुछ मेरा होना चाहिए, मेरे नाम पर होना चाहिए। उन्होंने परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया। वे परिवार नहीं चाहतीं, अकेले आजादी से रहना चाहती थीं। चलो मान लिया कि मैं बुरा हूं, रवींद्र की बहन नयनाबा भी खराब है, लेकिन परिवार में 50 लोग हैं, क्या सब बुरे हैं। ये बस उनकी नफरत है।'रवि की जिंदगी में सास का दखल ज्यादा, 5 साल से पोती का चेहरा नहीं देखाअनिरुद्ध सिंह जडेजा कहते हैं, 'मैं कुछ भी नहीं छिपा रहा हूं। हमारे बीच कोई रिश्ता नहीं है। 5 साल से मैंने उनकी बेटी का चेहरा भी नहीं देखा है। रीवाबा के माता-पिता, खासतौर से रवींद्र की सास ही सब कुछ संभालती हैं। उनका दखल बहुत ज्यादा है।'20 हजार रुपए पेंशन, उसी से घर खर्च चल रहाअनिरुद्ध सिंह आगे बताते हैं, 'मेरे पास गांव में जमीन है। पत्नी की 20 हजार रुपए पेंशन आती है। इसी से अपना खर्च चलाता हूं। 2 BHK फ्लैट में अकेला रहता हूं। दिन में दो बार मेड से खाना बनवाता हूं। अच्छे से रहता हूं। जिंदगी अपने तरीके से जीता हूं।'फ्लैट में अब भी रवींद्र के लिए अलग कमराअनिरुद्ध सिंह के मुताबिक, ‘आज भी मेरे फ्लैट में रवींद्र के लिए अलग कमरा है। पहले वो इसी कमरे में रहता था। इसमें रवींद्र की शील्ड और जर्सी सजाकर रखी हैं। इससे उसकी सारी यादें आंखों के सामने रहती हैं। अब भी रवि मैच खेलता है, तो नजर उसी पर रहती है।’मजदूरी करके रवींद्र को क्रिकेटर बनाया, बहन ने उसे मां की तरह पालारवींद्र जडेजा के बचपन को याद करते हुए अनिरुद्ध सिंह कहते हैं, 'हमने रवींद्र को क्रिकेटर बनाने के लिए बहुत मेहनत की। मैंने चौकीदारी का काम किया। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। मुझसे ज्यादा नयनाबा ने मेहनत की।'रीवाबा के परिवार को सिर्फ पैसा चाहिएरवींद्र की पत्नी रीवाबा के परिवार पर आरोप लगाते हुए अनिरुद्ध सिंह कहते हैं, 'रीवाबा अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हैं। उन लोगों को रवींद्र की जरूरत नहीं है, उन्हें सिर्फ पैसों से मतलब है। हमें इसकी जरूरत भी नहीं है। मेरे पास खेत और पेंशन है। होटल (जड्डूस) भी हमारा है, जिसका मैनेजमेंट नयनाबा करती है।'