Vikrant Shekhawat : Jul 02, 2024, 06:00 AM
Indian Cricket Team: क्रिकेट के खेल में सारी गणित टाइमिंग की है. विराट कोहली, रोहित शर्मा की बल्लेबाजी में वो ‘टाइमिंग’ का मजा हमने बरसों-बरस लिया. जडेजा तो फील्डिंग के लिए डाइव लगाते वक्त भी कमाल की टाइमिंग दिखाते थे. जितनी अच्छी टाइमिंग उतना बड़ा खिलाड़ीखेलों की दुनिया में टाइमिंग का एक दूसरा खेल भी चलता है. ये दूसरा खेल है- संन्यास की टाइमिंग. करोड़ों क्रिकेट फैंस, विज्ञापन की चमकती दमकती दुनिया, ढेर सारा ग्लैमर इन सबके बीच खिलाड़ी कैसे तय करे कि संन्यास कब लेना है?इसी ‘टाइमिंग’ को लेकर एक कहावत है. जिसका हिंदी तर्जुमा कुछ यूं हुआ कि आपको संन्यास तब लेना चाहिए जब आपसे लोग पूछें- अभी क्यों, संन्यास तब नहीं लेना चाहिए जब लोग आपसे पूछें कि अभी तक क्यों नहीं? बस इसी टाइमिंग का ख्याल रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा ने रखा. इधर जीत को गले लगाया उधर ऐलान कर दिया- अब हम T20 फॉर्मेट को अलविदा कहते हैं. शुरूआत विराट ने की, रोहित उनके पीछे आए और फिर आए रवींद्र जडेजा. कहानी को आगे बढ़ाएं उससे पहले इन तीनों की कहानी भी समझ लीजिए. कहानी यानी सपनों की कहानी. जो बहुत शानदार अंदाज में पूरी हुई.संन्यास से पहले सपने के पूरे होने की कहानीसबसे पहले बात रोहित शर्मा की- रोहित शर्मा कप्तान के तौर पर आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल हार चुके थे. उन्हें एक आईसीसी ट्रॉफी बतौर कप्तान जीतनी थी. उनका सपना पूरा हुआ. रोहित को पता है कि वो 100 शतक की रेस में नहीं हैं. आज की तारीख में उनके खाते में 48 अंतर्राष्ट्रीय शतक हैं. अब इसके बाद वो 50 शतक बनाएं या 55. बड़ी बात ये है कि उन्होंने अपनी लकीर बड़ी खींच दी है. अब वो कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी की श्रेणी में हैं. 2007 में जब भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता था तो रोहित एक नए नए आए खिलाड़ी थे, इस बार वो कप्तान थे.विराट कोहली की कहानी भी दिलचस्प है. वो 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे, लेकिन तब विराट कोहली टीम इंडिया के चीकू थे. चीकू विराट का निकनेम है. 2011 के बाद अपने करियर में तो वो चीकू से द ग्रेट विराट कोहली बन गए, लेकिन खिताब के लिहाज से ये फर्क नहीं दिख रहा था. अब द ग्रेट विराट कोहली बनने के बाद उनके पास एक और वर्ल्ड कप ट्रॉफी है. बड़ी बात ये है कि इस बार वो ही खिताबी जीत के हीरो भी हैं. जडेजा को हल्के में लेने की भूल कोई नहीं करता. इस खिलाड़ी के पास अनुभव का खजाना था. बस एक वर्ल्ड कप ट्रॉफी का इंतजार था. वो इंंतजार भी अब खत्म हो गया.विकल्प तैयार करने वाले हीरो की कहानीअब इस कहानी के पार्ट- टू पर आते हैं. अब रोहित, विराट, जडेजा तो चले गए…बड़ा सवाल ये है कि क्या इनका विकल्प भारतीय टीम के पास है. इस सवाल का जवाब है- हां. और इस ‘हां’ का श्रेय राहुल द्रविड़ को जाता है. जिसकी बात हम आगे करेंगे भी, लेकिन फिलहाल बात विकल्प की. पहले टी20 फॉर्मेट में कप्तानी के विकल्प की बात करते हैं. यहां तीन नाम बहुत मजबूती से लिए जा सकते हैं. ये तीन नाम हैं-हार्दिक पांड्या, शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव.भूलिएगा नहीं कि जब रोहित शर्मा टी20 फॉर्मेट से करीब एक साल तक दूर थे तो हार्दिक पांड्या ही टीम की कप्तानी कर रहे थे. बुमराह को भी इस रोल के लिए ‘कंसीडर’ किया जा सकता है, लेकिन बुमराह भी टी20 फॉर्मेट में शायद बहुत ज्यादा दिन तक नहीं दिखेंगे. उनकी प्राथमिकता अब धीरे धीरे टेस्ट क्रिकेट की तरफ शिफ्ट हो रही है. अब आते हैं बल्लेबाजी में विकल्पों पर. राहुल द्रविड़ इतनी मेहनत कर गए हैं कि यहां भी चिंता की कोई बात नहीं है. आपको एक-एक करके सारे विकल्प बताते हैं. सबसे पहला नाम हैं- यशस्वी जायसवाल. यशस्वी ने अब तक कुल 98 टी20 मैच खेले हैं. इसमें आईपीएल में खेले गए मैच भी शामिल हैं. इन 98 मैचों में उन्होंने 148.86 की स्ट्राइक रेट से 2757 रन बनाए हैं.टॉप ऑर्डर के तीन विकल्पटॉप ऑर्डर में रोहित शर्मा और विराट कोहली के जाने के बाद अगले तीन विकल्प हैं- शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़ और अभिषेक शर्मा. अभिषेक शर्मा का नाम आपको नया लग रहा हो तो बता दें कि ये वही अभिषेक हैं जिन्होंने आईपीएल 2024 में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए मैदान में तूफान लाने का काम किया था. उन्हें जिम्बाब्वे के दौरे के लिए टीम इंडिया में चुना भी गया है.अब इन तीनों विकल्पों के आंकड़े देख लीजिए. शुभमन गिल ने 138 टी20 मैच में 4228 रन बनाए हैं. उनकी स्ट्राइक रेट 137.18 की है. इस फॉर्मेट में वो 24 अर्धशतक लगा चुके हैं. 129 रन उनके टी20 करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है. ऋतुराज गायकवाड़ ने अब तक 136 मैच में 4618 रन बनाए हैं. उनके खाते में 31 अर्धशतक हैं. 139.18 की स्ट्राइक रेट से गायकवाड़ ने बल्लेबाजी की है. अभिषेक शर्मा ने 104 टी20 मैच में 2671 रन बनाए हैं. उनकी स्ट्राइक रेट 153.59 की है और 16 अर्धशतक उनके खाते में हैं.जब सचिन, द्रविड़ और गांगुली ने लिया था बड़ा फैसलाअंत में इस पूरे घटनाक्रम की दो और अहम बातें कर लेते हैं. भारतीय क्रिकेट इतिहास में शायद ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी एक मैच के बाद तीन बड़े खिलाड़ियों से सन्यास लिया हो. लेकिन फिक्र मत कीजिए. इसी टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में चलिए. इस इतिहास का पहला पन्ना 2007 में खुलता है जब टी20 वर्ल्ड कप पहली बार खेला गया था. याद कीजिए उस वर्ल्ड कप से ऐन पहले ये तय हुआ था कि सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ टी20 टीम का हिस्सा नहीं होंगे. इन तीनों ने तय किया था कि ये फॉर्मेट युवा खिलाड़ियों का है इसे युवाओं को ही खेलने दिया जाए.इसके बाद धोनी की अगुवाई में युवाओं ने इतिहास रचा था. यानी दूसरा रोहित, दूसरा विराट या जडेजा भारतीय क्रिकेट को नहीं मिलेगा लेकिन जिन विकल्पों के बारे में अभी हमने बात की थी वो भी आने वाले वक्त के बड़े स्टार खिलाड़ी हैं.राहुल द्रविड़ का बड़ा योगदानअब बात राहुल द्रविड़ की. राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट को जो योगदान देकर जा रहे हैं उसकी कीमत अगले कई साल तक समझ आती रहेगी. आज अगर भारतीय क्रिकेट में रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के विकल्प की बात हो रही है तो उसके नायक राहुल द्रविड़ ही हैं. उन्होंने पहले एनसीए और फिर अंडर-19 टीम के साथ जो मेहनत की उसका इनाम अभी अगले और भी कई साल तक मिलेगा. राहुल द्रविड़ ने जब संन्यास का ऐलान किया था तो उन्हें मैदान से ये फैसला लेने का मौका नहीं मिला था. ऊपर वाले ने उन्हें बतौर कोच ये मौका दिया. जब 29 जून 2024 को हर कोई उनकी पीठ थपथपा रहा था. अंत में ये भी बता दें कि इस बात को भले ही कोई साबित नहीं कर सकता है. लेकिन रोहित और विराट को समझने वाले कहते हैं- संन्यास का फैसला तो उसी दिन हो गया था जब 19 नवंबर 2023 को वनडे वर्ल्ड कप में हार के बाद भी रोहित शर्मा टी20 वर्ल्ड कप में टीम की कमान संभालने को दोबारा तैयार हुए थे. शर्त बस इतनी थी कि- साथ में विराट कोहली भी चाहिए.