महाराष्ट्र / आरएसएस-तालिबान की तुलना को लेकर अख्तर को ठाणे के कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस भेजा

तालिबान और आरएसएस की तुलना वाली टिप्पणी को लेकर गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ दायर हुए मानहानि के मुकदमे में ठाणे की एक अदालत ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अख्तर को 12 नवंबर को पेश होने को कहा है। आरएसएस के कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने मुकदमा दायर कर ₹1 का मुआवज़ा मांगा है।

Vikrant Shekhawat : Sep 28, 2021, 01:22 PM
ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना तालिबान से कथित रूप से करने पर बॉलीवुड के जाने माने गीतकार जावेद अख्तर को उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर कारण बताओ नोटिस जारी करने का सोमवार को आदेश दिया।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और संयुक्त दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने मुकदमा दायर कर अख्तर से मुआवजे के रूप में एक रुपए की मांग की है। अदालत ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया जिसका 12 नवंबर तक जवाब मांगा गया है।

क्या कहा था जावेद अख्तर ने?

76 वर्षीय कवि, गीतकार, पटकथा लेखक ने एक समाचार चैनल से बातचीत करते हुए आरएसएस का नाम लिए बिना कहा था, 'तालिबान एक इस्लामी देश चाहता है। ये लोग हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।' इससे पहले आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी को लेकर जावेद अख्तर को एक वकील ने लीगल नोटिस भेजा था और उन्हें माफी मांगने को कहा गया था।

पहले कही थी 100 करोड़ रुपए हजाने की बात

वकील संतोष दुबे ने यह भी कहा था कि अगर जावेद अख्तर 'बिना शर्त लिखित माफी' देने और नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर अपने सभी बयान वापस लेने में विफल रहते हैं तो वह अख्तर से 100 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करते हुए एक आपराधिक मामला दर्ज करेंगे। वकील के नोटिस में दावा किया गया था कि इस तरह के बयान देकर जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है।