Maharashtra Politics / महाराष्ट्र सरकार में हलचल तेज, मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से दिया इस्तीफा

महाराष्ट्र की राजनीति में धनंजय मुंडे के इस्तीफे से हलचल मच गई। सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में करीबी वाल्मीकि कराड का नाम आने के बाद दबाव बढ़ा। पत्नी करुणा मुंडे ने इस्तीफे की भविष्यवाणी की थी। सरकार ने बीमारी को कारण बताया, जबकि विवादों ने मुंडे को घेर रखा था।

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति हमेशा से ही चर्चा में रही है, और एक बार फिर यह सुर्खियों में है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उनके नाम एक हत्या मामले से जुड़े होने के आरोपों के बाद आया है।

इस्तीफे की पृष्ठभूमि

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे पर बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में शामिल होने के आरोप लगे थे। उनकी करीबी संबंध रखने वाले वाल्मीकि कराड को इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। सोशल मीडिया पर इस हत्याकांड से जुड़े कुछ फोटो वायरल होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया। इसके चलते विपक्ष और जनता का सरकार पर दबाव बढ़ता गया, जिससे अंततः धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना पड़ा।

पत्नी करुणा मुंडे के दावे हुए सच

धनंजय मुंडे की अलग रह रही पत्नी करुणा मुंडे ने पहले ही दावा किया था कि बजट सत्र शुरू होने से पहले धनंजय मुंडे अपना पद छोड़ देंगे। उन्होंने यहां तक कहा था कि डिप्टी सीएम अजित पवार ने पहले ही उनका इस्तीफा ले लिया था। हालांकि, मुंडे के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे स्वेच्छा से इस्तीफा देने को तैयार नहीं थे, लेकिन दबाव के चलते उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा।

बीमारी बनी इस्तीफे की आधिकारिक वजह

हालांकि, सरकार ने धनंजय मुंडे के इस्तीफे की आधिकारिक वजह उनकी स्वास्थ्य स्थिति को बताया है। उन्हें ‘बेल्स पाल्सी’ नामक बीमारी हो गई है, जिससे उनके लिए बोलना मुश्किल हो गया था। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ एक बहाना है, असली वजह उन पर लगे गंभीर आरोप हैं।

धनंजय मुंडे और विवादों का पुराना नाता

धनंजय मुंडे का नाम कई बार विवादों से जुड़ा है। वे एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के करीबी माने जाते हैं। उनका राजनीतिक सफर उनके चाचा गोपीनाथ मुंडे के संरक्षण में शुरू हुआ था। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी बहन और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे को हराकर परली सीट जीती थी।

इसके अलावा, उन पर कृषि विभाग में 73.36 करोड़ रुपये के गबन का भी आरोप है। इस मामले में बीजेपी विधायक ने अजित पवार से शिकायत की थी।

करुणा शर्मा और पारिवारिक विवाद

धनंजय मुंडे की पहली पत्नी होने का दावा करने वाली करुणा शर्मा ने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। हाल ही में, कोर्ट ने आदेश दिया कि मुंडे को करुणा शर्मा को 1.25 लाख रुपये और उनकी बेटी को 75,000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देना होगा। हालांकि, धनंजय मुंडे ने इस आदेश को चुनौती देते हुए दावा किया कि उनकी कभी करुणा शर्मा से शादी नहीं हुई थी।

राजनीतिक नतीजे और आगे की राह

धनंजय मुंडे के इस्तीफे से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटनाक्रम से एनसीपी और बीजेपी के बीच समीकरण कैसे बदलते हैं।

यह पूरा प्रकरण दर्शाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता की होड़ और व्यक्तिगत विवादों का गहरा असर रहता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या धनंजय मुंडे का राजनीतिक करियर समाप्त हो गया है या वे वापसी करने में सक्षम होंगे।