Devendra Fadnavis / महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, कर्नाटक जाने वाली सभी ST बस सर्विसेज बंद

कर्नाटक में महाराष्ट्र के बस चालक से मारपीट का मामला तूल पकड़ चुका है। इसके विरोध में महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक जाने वाली सभी ST बस सेवाएं रोक दी हैं। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है। इससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।

Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच हाल ही में एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक में एक बस चालक पर हुए हमले के विरोध में महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली सभी राज्य परिवहन (ST) बस सेवाओं को रोकने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से दोनों राज्यों के बीच परिवहन व्यवस्था प्रभावित हो गई है।

क्या है पूरा मामला?

कुछ दिन पहले कर्नाटक के बेलगावी में महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (MSRTC) की एक सरकारी बस के ड्राइवर पर हमला हुआ। बताया जा रहा है कि चालक को कन्नड़ भाषा नहीं आने के कारण कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट की। इस घटना के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बस चालकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।

महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य परिवहन निगम (MSRTC) की कर्नाटक जाने वाली सभी बस सेवाओं को रोकने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जब तक कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट कार्रवाई नहीं करती, तब तक महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाली बस सेवाएं बहाल नहीं की जाएंगी।

सरनाईक ने आगे बताया कि शुक्रवार रात कर्नाटक के चित्रदुर्ग में कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने मुंबई से बेंगलुरु जाने वाली एक बस पर हमला किया और ड्राइवर भास्कर जाधव के साथ मारपीट कर उनका चेहरा काला कर दिया। इस हमले ने महाराष्ट्र सरकार को कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

यात्रियों को हो रही परेशानी

महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र से कर्नाटक के लिए प्रतिदिन 50 से अधिक सरकारी बसें चलती थीं, लेकिन अब इनकी सेवाएं बंद हो गई हैं। इससे उन यात्रियों को मुश्किल हो रही है, जिन्हें जरूरी काम के लिए कर्नाटक जाना था।

राजनीतिक तनाव और भविष्य की संभावना

यह मामला राजनीतिक रंग भी लेता जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की मांग कर रही है। दूसरी ओर, कर्नाटक सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो यह विवाद और बढ़ सकता है और दोनों राज्यों के बीच संबंधों पर भी असर डाल सकता है।

महाराष्ट्र सरकार के इस कड़े फैसले से साफ है कि जब तक कर्नाटक सरकार इस मामले में उचित हस्तक्षेप नहीं करती, तब तक यह विवाद सुलझने की संभावना कम है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर कर्नाटक सरकार क्या रुख अपनाती है और इसका समाधान कैसे निकाला जाता है।