रांची / युवकों को हुआ पेट में दर्द, झारखंड के डॉक्टर ने लिखा- प्रेग्नेंसी टेस्ट कराओ

झारखंड में पेट दर्द की शिकायत के बाद कथित तौर पर सरकारी डॉक्टर द्वारा दो युवकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने का परामर्श लिखने का मामला सामने आया है। इसके अलावा सरकारी डॉक्टर मुकेश कुमार ने युवकों को एचआईवी टेस्ट कराने को भी कहा। वहीं, युवकों की शिकायत के बाद अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

Jansatta : Oct 14, 2019, 05:23 PM
झारखंड के सिमरिया स्थित सरकारी अस्पताल का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि सिमरिया रेफरल अस्पताल में 2 युवक पेट दर्द की शिकायत लेकर गए थे। जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर ने दोनों को एएनसी (एंटी नेटल चेकअप) टेस्ट कराने के लिए लिख दिया। यह टेस्ट प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए होता है।

यह है मामला: सिमरिया के चोरबोरा गांव में रहने वाले 2 युवक पेट दर्द से पीड़ित थे। परिजन उन्हें सिमरिया स्थित सरकारी अस्पताल ले गए थे, जहां डॉ. मुकेश ने उनकी जांच की। साथ ही, कुछ टेस्ट कराने के लिए कहा, जिनकी डिटेल पर्ची पर लिख दी। बता दें कि यह मामला एक अक्टूबर का है, लेकिन पर्ची का फोटो सोशल मीडिया पर अब वायरल हुआ है।

पैथलॉजी डॉक्टर ने किया खुलासा: बताया जा रहा है कि दोनों युवक टेस्ट कराने पहुंचे तो पैथलॉजिस्ट हैरान रह गया। उसने बताया कि पर्ची में प्रेग्नेंसी की जांच कराने के लिए लिखा गया है। इसके बाद पैथलॉजिस्ट ने बाकी जांच कर दीं, लेकिन एएनसी टेस्ट करने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में दोनों युवक अपने-अपने घर लौट गए।

डॉक्टर ने कहा- ओवरराइटिंग की गई: बता दें कि सिमरिया के सरकारी अस्पताल की ओर से जारी पर्ची 17028 व 17032 पर एचआईवी, एचबीए (हीमोग्लोबिन), एचसीसी (हैपोटोसेलुलर कार्सिनोमा), सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) और एएनसी (एंटी नेटल चेकअप) कराने के लिए लिखा गया है। हालांकि, डॉ. मुकेश कुमार ने इस मामले में उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुरुष को एएनसी टेस्ट लिखने की बात गलत है। रजिस्टर में एएनसी जांच नहीं लिखी गई है। दोनों पर्ची पर ओवरराइटिंग की गई है।

सकते में हॉस्पिटल प्रशासन: इस मामले की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन सकते में है। सरकारी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार पासवान ने कहा, ‘‘मामले की जानकारी मिलते ही प्रभारी को जांच का आदेश दिया गया है। साथ ही, 2 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।’’