News18 : Dec 23, 2019, 01:42 PM
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस वृद्धि को लेकर एक महीने से भी लंबे समय से चल रहा छात्रों के विरोध का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच जेएनयू प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 6 छात्रों को निष्कासित करने का नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस के अनुसार, इन 6 छात्रों को गुंडागर्दी करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से कॉलेज से बेदखल किया जा रहा है।प्रशासन के अनुसार सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उन 6 छात्रों की पहचान की गई है, जो वीसी ऑफिस के घेराव और तोड़फोड़ में शामिल हैं। दूसरी ओर JNU छात्र संघ, JNUSU ने इसे प्रतिशोध में उठाया गया कदम बताया है और छात्रों के समर्थन में अपना स्टेटमेंट जारी किया है।
अपने निष्कासन पत्र में यूनिवर्सिटी ने छात्रों को हॉस्टल छोड़ने और मेस का बकाया जमा करने का निर्देश दिया है। नोटिस के अनुसार जहां कुछ छात्रों को आज हॉस्टल खाली करने को कहा गया है, वहीं कुछ छात्रों को 24 दिसंबर व कुछ को 26 दिसंबर को कमरा खाली करने को कहा गया है। गौतम शर्मा और मणिकांत पटेल को आज तत्काल प्रभाव से हॉस्टल रूम खाली करने को कहा गया है। जबकि अधिराज नायर को 24 दिसंबर को कमरा छोड़ने का निर्देश दिया गया है। वहीं प्रतीक कुटे और शशिकांत त्रिपाठी, 26 दिसंबर को हॉस्टल छोड़ेंगे।
यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए JNUSU ने कहा कि प्रशासन का यह कदम अनुचित है और इसे आंदोलन में शामिल छात्रों पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है। छात्र संघ ने कहा कि छात्रों से प्रॉक्टोरियल पूछताछ होना, उन्हें अकादमिक रूप से निलंबित किया जाना और अब हॉस्टल से भी बेदखल करके, दरअसल प्रशासन सामूहिक धमकी देने की रणनीति अपना रहा है।
अपने निष्कासन पत्र में यूनिवर्सिटी ने छात्रों को हॉस्टल छोड़ने और मेस का बकाया जमा करने का निर्देश दिया है। नोटिस के अनुसार जहां कुछ छात्रों को आज हॉस्टल खाली करने को कहा गया है, वहीं कुछ छात्रों को 24 दिसंबर व कुछ को 26 दिसंबर को कमरा खाली करने को कहा गया है। गौतम शर्मा और मणिकांत पटेल को आज तत्काल प्रभाव से हॉस्टल रूम खाली करने को कहा गया है। जबकि अधिराज नायर को 24 दिसंबर को कमरा छोड़ने का निर्देश दिया गया है। वहीं प्रतीक कुटे और शशिकांत त्रिपाठी, 26 दिसंबर को हॉस्टल छोड़ेंगे।
यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए JNUSU ने कहा कि प्रशासन का यह कदम अनुचित है और इसे आंदोलन में शामिल छात्रों पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है। छात्र संघ ने कहा कि छात्रों से प्रॉक्टोरियल पूछताछ होना, उन्हें अकादमिक रूप से निलंबित किया जाना और अब हॉस्टल से भी बेदखल करके, दरअसल प्रशासन सामूहिक धमकी देने की रणनीति अपना रहा है।