South Korea News: दक्षिण कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक बड़ा विमान हादसा हुआ है।
जेजू एयर की उड़ान संख्या 2216, जो बैंकॉक से दक्षिण कोरिया लौट रही थी, लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसलकर बाउंड्री वॉल से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक
85 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 96 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। विमान में
175 यात्री और 6 क्रू सदस्य सवार थे। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई यात्रियों की हालत गंभीर है।
हादसे की शुरुआत कैसे हुई?
रिपोर्ट्स के मुताबिक,
लैंडिंग गियर में खराबी के कारण विमान रनवे पर सही ढंग से उतरने में असमर्थ रहा। रनवे पर फिसलने के बाद विमान बाउंड्री वॉल से टकरा गया, जिससे विमान के ईंधन टैंक में आग लग गई। इसके बाद आसमान में धुएं का बड़ा गुबार देखा गया, और एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई।
यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन
आग लगने के बावजूद, बचाव दल ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए यात्रियों को विमान के पिछले हिस्से से बाहर निकाला। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया गया। हालांकि, दुर्घटना के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिससे हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
अंतरिम राष्ट्रपति का बयान
दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति
चोई सांग-मू ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने तत्काल
रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्यों को प्राथमिकता देने का आदेश दिया। चोई सांग-मू ने कहा,
"यह हादसा हमारे देश के लिए एक गहरी त्रासदी है। सभी प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।"एयरपोर्ट पर स्थिति
मुआन एयरपोर्ट पर फिलहाल सभी उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं। आपातकालीन सेवाएं और बचाव कर्मी दुर्घटनास्थल पर जुटे हुए हैं। यात्रियों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
सवालों के घेरे में जेजू एयर
इस हादसे ने
जेजू एयर और विमान की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लैंडिंग गियर की समस्या पहले से मौजूद थी, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया।
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल दक्षिण कोरिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हवाई सुरक्षा के प्रति एक बड़ी चेतावनी है। विस्तृत जांच के बाद ही हादसे के असली कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल, प्राथमिकता घायलों की देखभाल और पीड़ितों के परिवारों को समर्थन देने की है।