Chandrayaan-3 / बस कुछ घंटे और फिर स्पेस में चंद्रयान-3 करेगा बड़ा धमाल

चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद लोगों में यह जानने की खासी उत्सुकता है कि वह कहां तक पहुंचा. छोटी से छोटी जानकारी लोग चंद्रयान-3 के बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन आज की रात चंद्रयान-3 के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. वह अंतरिक्ष में एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है. चंद्रयान-3 एक अगस्त को रात में 12 से 1 बजे के बीच धरती की कक्षा से निकलकर चांद की ओर कदम बढ़ा देगा. चांद की कक्षा तक पहुंचने में चंद्रयान-3 को महज 6 दिन का वक्त लगेगा

Vikrant Shekhawat : Jul 31, 2023, 11:39 PM
Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद लोगों में यह जानने की खासी उत्सुकता है कि वह कहां तक पहुंचा. छोटी से छोटी जानकारी लोग चंद्रयान-3 के बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन आज की रात चंद्रयान-3 के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. वह अंतरिक्ष में एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है. चंद्रयान-3 एक अगस्त को रात में 12 से 1 बजे के बीच धरती की कक्षा से निकलकर चांद की ओर कदम बढ़ा देगा. चांद की कक्षा तक पहुंचने में चंद्रयान-3 को महज 6 दिन का वक्त लगेगा. फिलहाल इसरो आज आधी रात को चंद्रयान-3 की मैनुअर यानी प्रक्रिया को पूरा करेगा, जिसमें 28 से 31 मिनट का समय लगेगा. 

इसके अलावा चंद्रयान-3 में लगे थ्रस्टर्स को भी वक्त और दूरी को देखते हुए फायर किया जाएगा. दीर्घ वृताकार कक्षा में चंद्रयान-3 धरती के चक्कर काट रहा है. इसकी रफ्तार एक किमी प्रति सेकंड और 10.3 किमी प्रति सेकंड के बीच है. अब आगे जाने के लिए इस यान को फास्ट वेलॉसिटी की जरूरत पड़ेगी.

आज रात को इसको क्या करेगा?

जब यान को नए रास्ते पर भेजना होता है तो उसको ज्यादा वेलॉसिटी की जरूरत पड़ती है. चांद पर जाने के लिए चंद्रयान-3 के एंगल में भी बदलाव करना पड़ेगा. आज रात में इसरो चंद्रयान का रास्ता बदलने की प्रोसेस शुरू कर देगा. थ्रस्टर्स को फायर करने से 5 या 6 घंटे पहले इसका आगाज होगा. चंद्रयान की वेलॉसिटी थ्रस्टर्स से बढ़ाई जाएगी. चांद और धरती के बीच की दूरी करीब 3.8 लाख किमी है. चंद्रयान 51 घंटे में 1.2 लाख किमी की दूरी तय करेगा. हालांकि चांद और धरती के बीच की दूरी किसी दिन पोजिशन के आधार पर बदल भी सकती है. 

चंद्रयान-2 की हुई थी क्रैश लैंडिंग

चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान का पहुंचना भी मून मिशन का हिस्सा ही है. 2019 में चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. उसका संपर्क टूट गया था. हालांकि जब चंद्रयान-3 चांद की कक्षा में पहुंच जाएगा, उसके बाद भी इसको कई मैनुअर करेगा. 17 अगस्त को लैंडिंग मॉड्यूल को करीब 100 किमी की ऊंचाई पर ले जाकर अलग किया जाएगा. इसके बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा के सीने पर 23 अगस्त को लैंड करेगा. बता दें कि 14 जुलाई को भारत ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था.