MP / कमलनाथ ने दिया बड़ा बयान, कहा- अब मैं आराम करना चाहता हूं, मैंने बहुत कुछ हासिल कर लिया

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनावों में करारी हार झेलने के बाद एक बड़ा बयान दिया है। सौसर, छिंदवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राजनीति छोड़ने का संकेत दिया। कमलनाथ ने कहा कि अब मैं आराम करना चाहता हूं, मेरी किसी भी पद के लिए कोई महत्वाकांक्षा और लालच नहीं है, मैंने बहुत कुछ हासिल किया है। मैं घर पर रहने के लिए तैयार हूं।

Vikrant Shekhawat : Dec 14, 2020, 05:58 PM
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनावों में करारी हार झेलने के बाद एक बड़ा बयान दिया है। सौसर, छिंदवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राजनीति छोड़ने का संकेत दिया। कमलनाथ ने कहा कि अब मैं आराम करना चाहता हूं, मेरी किसी भी पद के लिए कोई महत्वाकांक्षा और लालच नहीं है, मैंने बहुत कुछ हासिल किया है। मैं घर पर रहने के लिए तैयार हूं।

हालांकि, कमलनाथ के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी मैदान में आ गई। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कमलनाथ के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस पार्टी 2023 विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ेगी।

जबकि कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के लोगों से कहा कि मैं उस दिन जनता की इच्छाओं को पूरा करूंगा। जैसे ही कमलनाथ ने यह कहा, छिंदवाड़ा के लोगों ने कमलनाथ के पक्ष में जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा कि हम आपको एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। नरेंद्र सलूजा ने स्पष्ट किया कि कमलनाथ राजनीति में रहते हुए सार्वजनिक सेवा का काम जारी रखेंगे।

मध्य प्रदेश उपचुनाव में 28 में से केवल 9 सीटें जीतने के लिए कमलनाथ के खिलाफ राज्य में आवाज उठाई जा रही है। हालांकि, छिंदवाड़ा में जनसभा में दिए गए उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ केवल एक पद छोड़ने या राजनीति से विदाई लेने की बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान में अपने बेटे के साथ छिंदवाड़ा का दौरा कर रहे हैं, जिन्हें कमलनाथ और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है।

आपको बता दें कि फिलहाल कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। जबकि उपचुनाव में पराजय के बाद, वह लगातार गलत टिकट वितरण, कमजोर उम्मीदवारों और गलत रणनीति के आरोपों का सामना कर रहे हैं। यही नहीं, राज्य के सभी नेता उप-चुनाव में हार के लिए न केवल कमलनाथ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, बल्कि युवा नेतृत्व की जरूरत भी बता रहे हैं।

इस साल मार्च में कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सत्ता खो दी और फिर मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में उनकी दावेदारी हवा हो गई। इस उपचुनाव में कमलनाथ ने दावा किया कि जनता शिवराज सरकार को करारा जवाब देगी और कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगी। हालांकि, वह केवल 9 सीटें जीत सकीं। यही नहीं, सिंधिया और सभी विधायकों के पार्टी छोड़ने और उपचुनाव में हारने के बाद भी कमलनाथ लगातार निशाने पर हैं।

कमलनाथ के बयान को लेकर बीजेपी ने भी कमर कस ली है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा है कि अगर कमलनाथ समय रहते सेवानिवृत्त हो जाते तो मध्य प्रदेश इतना आगे नहीं बढ़ता। कुल मिलाकर, कमलनाथ की राजनीतिक सेवानिवृत्ति को लेकर दिन भर चर्चा का माहौल गर्म है। कमलनाथ, जिनकी उम्र 73 वर्ष है, वे राजनीति में बने रहेंगे। यह कमलनाथ को तय करना है, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव, 2020 में 28 विधानसभा सीटों के उप-चुनावों के बाद, कमलनाथ नगर निकाय चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसने भाजपा को मुश्किल में डाल दिया। ऐसे में अगर कमलनाथ के राजनीतिक संन्यास लेने की खबर सच है तो यह बीजेपी के लिए अच्छी खबर होगी।