कर्नाटक / हाईकोर्ट ने 'ऑपरेशन कमल' मामले में सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ दिए जांच के आदेश

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के खिलाफ 'ऑपरेशन कमल' मामले में जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेस व जेडी(एस) गठबंधन ने बीजेपी पर राज्य सरकार को गिराने की साज़िश रचने का आरोप लगाते हुए इसे 'ऑपरेशन कमल' का नाम दिया था। 2019 में विधायकों द्वारा बागी होकर इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जेडी(एस) की सरकार गिर गई थी।

Vikrant Shekhawat : Apr 01, 2021, 12:37 PM
बेंगलुरु: ऑपरेशन कमल कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा की गले की फांस बन गया है। अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने ऑपरेशन कमला से जुड़े मामले में सीएम बीएस येदियुरप्पा और उनके पूर्व मीडिया सलाहकार एमबी मारमकल के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी है।

सीएम येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव ने की थी खुदकुशी की कोशिश

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एनआर संतोष ने नींद की गोली खाकर जान देने की कोशिश की थी। उन्हें बंगलूरू के रमैया मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

सचिव संतोष सीएम येदियुरप्पा के करीबी समझे जाते हैं। बताया जाता है कि उन्होंने राज्य में ऑपरेशन कमल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संतोष को इस साल मई में येदियुरप्पा के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।

क्या है ऑपरेशन कमल 

ऑपरेशन कमल की शुरुआत भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने ही की थी। दरअसल 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा की अगुआई में सबसे अधिक 110 सीटों पर कब्जा जमाया, लेकिन बहुमत से तीन सीट दूर रह गई। ऐसे में येदियुरप्पा 6 निर्दलीय विधायकों की मदद से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे।

लेकिन इसके बाद सदन में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए येदियुरप्पा ने 'ऑपरेशन कमल' चलाया जिसके अंतर्गत विपक्षी विधायकों को तोड़ने के लिए धनबल का इस्तेमाल किया गया। फिर सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 124 तक पहुंच गई। 'ऑपरेशन कमल' की बदौलत ही 2008 में मुश्किल से सत्ता में आई भाजपा पांच साल तक कर्नाटक में कायम रह सकी।