Personal Loan / पर्सनल लोन लेने में रखें लोन अवधि का ख्याल, जानें ये ट्रिक और करें बड़ी बचत

त्योहारी सीजन में पर्सनल लोन लेते समय लोन की अवधि पर ध्यान देना जरूरी है। छोटी अवधि (10-12 महीने) के लोन पर कम ब्याज लगता है, जबकि लंबी अवधि (1-5 साल) पर ब्याज दर अधिक होती है। अपनी आय और खर्चों का आकलन करके सही अवधि चुनें, जिससे बचत हो सके।

Vikrant Shekhawat : Oct 13, 2024, 06:00 AM
Personal Loan: त्योहारी सीजन नजदीक आते ही कई लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेने का विचार करते हैं। चाहे वो घर की साज-सज्जा हो, छुट्टियों की योजना हो, या अन्य आवश्यक खर्च, पर्सनल लोन एक आसान समाधान हो सकता है। हालांकि, लोन लेने से पहले एक महत्वपूर्ण पहलू पर विचार करना बेहद जरूरी है, और वह है लोन की अवधि। सही लोन अवधि का चयन करके न केवल आप अपनी ईएमआई को मैनेज कर सकते हैं, बल्कि ब्याज दरों पर भी बचत कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि किस तरह से लोन की अवधि को चुनने से आपको फायदे हो सकते हैं।

छोटी अवधि का पर्सनल लोन: फायदे और खासियतें

छोटी अवधि के पर्सनल लोन आमतौर पर 10 से 12 महीने के बीच होते हैं। यह उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त होता है, जिन्हें कम राशि की आवश्यकता होती है और वे जल्दी से लोन चुकता करने की स्थिति में होते हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे:

  • कम ब्याज दरें: छोटी अवधि के लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर कम होती हैं, जिससे आपको कुल भुगतान पर काफी बचत हो सकती है।
  • जल्दी लोन निपटान: अगर आपकी आय अच्छी है और आप जल्दी से लोन चुकता कर सकते हैं, तो यह विकल्प आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • संतुलित बजट: छोटी अवधि में लोन निपटाने से आप लंबे समय तक कर्ज के बोझ से बच सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को संतुलित रख सकते हैं।

लंबी अवधि का पर्सनल लोन: कब चुनें और इसके लाभ

लंबी अवधि का पर्सनल लोन, जो आमतौर पर 1 से 5 साल के लिए होता है, उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है जिन्हें बड़ी राशि की जरूरत होती है और वे धीरे-धीरे लोन चुकता करना चाहते हैं। इसके कुछ फायदे निम्नलिखित हैं:

  • कम मासिक किस्तें (EMI): लंबी अवधि के लोन में आपकी मासिक किस्तें कम होती हैं, जिससे आपके बजट पर कम दबाव पड़ता है।
  • धीरे-धीरे भुगतान: अगर आप एक साथ बड़ी राशि नहीं चुका सकते और अपनी आय के अनुसार मासिक किस्तों में लोन चुकाना चाहते हैं, तो यह विकल्प आपके लिए बेहतर हो सकता है।
  • लंबी अवधि में ब्याज ज्यादा: हालांकि, लंबी अवधि के लोन पर ब्याज दरें ज़्यादा होती हैं, जिससे कुल ब्याज की राशि भी अधिक हो सकती है। इसलिए इस पहलू का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

लोन अवधि चुनने में ध्यान देने योग्य बातें

जब आप अपनी पर्सनल लोन अवधि का चयन कर रहे हों, तो निम्नलिखित बिंदुओं का ख्याल रखें:

  1. लोन का उद्देश्य: लोन का उद्देश्य तय करें। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी छुट्टी के लिए लोन ले रहे हैं, तो छोटी अवधि का लोन बेहतर रहेगा। वहीं, घर के रेनोवेशन या उच्च शिक्षा जैसे दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए लंबी अवधि का लोन उपयुक्त होगा।

  2. आय और खर्च का आकलन: अपनी मासिक आय और खर्चों का सही से आकलन करें। छोटी अवधि के लोन की ईएमआई अधिक होती है, इसलिए इसे चुनने से पहले देखें कि यह आपके बजट पर कितना असर डाल रहा है।

  3. ब्याज दर का प्रभाव: यह समझें कि छोटी अवधि के लोन पर ब्याज दरें कम होती हैं, जबकि लंबी अवधि के लोन पर ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं। इससे आपके कुल भुगतान पर फर्क पड़ सकता है, इसलिए लोन अवधि का चयन करते समय ब्याज दर को ध्यान में रखें।

नतीजा: सही लोन अवधि का चयन करें

पर्सनल लोन लेने से पहले लोन की अवधि का सही से चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप इसे सही तरीके से मैनेज करते हैं, तो आप अपने लोन पर न केवल ब्याज की बचत कर सकते हैं, बल्कि अपनी मासिक ईएमआई को भी संतुलित रख सकते हैं। त्योहारी सीजन में अपनी जरूरतों के अनुसार लोन का सही चयन करना आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा और अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाएगा।