Auto / Kia बढ़ाने जा रही गाड़ियों के दाम, Seltos-Sonet सब होने जा रही 50 हजार तक महंगी

किआ मोटर्स ने साल 2019 में अपनी सेल्टोस एसयूवी के साथ भारतीय बाजार में एंट्री की थी. एक-एक करके कंपनी 5 गाड़ियों को भारत में लॉन्च कर चुकी है. किआ इंडिया के पोर्लफोलियो में सॉनेट, सेल्टोस, कैरेंस, कार्निवल और EV6 जैसे मॉडल्स है. जनवरी में मारुति से लेकर टाटा और मर्सिडीज तक, अपनी गाड़ियों की कीमत में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं. इसी क्रम में किआ इंडिया का नाम भी लिस्ट में जुड़ गया है.

Vikrant Shekhawat : Dec 11, 2022, 12:31 PM
Kia India Price Hike: किआ मोटर्स ने साल 2019 में अपनी सेल्टोस एसयूवी के साथ भारतीय बाजार में एंट्री की थी. एक-एक करके कंपनी 5 गाड़ियों को भारत में लॉन्च कर चुकी है. किआ इंडिया के पोर्लफोलियो में सॉनेट, सेल्टोस, कैरेंस, कार्निवल और EV6 जैसे मॉडल्स है. जनवरी में मारुति से लेकर टाटा और मर्सिडीज तक, अपनी गाड़ियों की कीमत में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं. इसी क्रम में किआ इंडिया का नाम भी लिस्ट में जुड़ गया है. किआ अपनी कारों के दाम 50 हजार रुपये तक बढ़ाने जा रही है. इसकी वजह अगले साल से लागू होने जा रहे सख्स उत्सर्जन मानदंड (Emission) हैं. 

नवंबर में महंगी हुई थी किआ कैरेंस

बता दें कि किआ ने दिवाली के ठीक बाद ही अपनी 7 सीटर एमपीवी कार Kia Carens की कीमत में इजाफा किया था. उस समय इस एमपीवी की कीमत में 50 हजार रुपये बढ़ोतरी हुई थी. कीमत बढ़ने के बाद इसके बेस वेरिएंट की कीमत 9.99 लाख रुपये और टॉप वेरिएंट की कीमत 17.99 लाख रुपये पहुंच गई थी. अब जनवरी के बाद से यह 10 लाख से सस्ती कैटेगरी से बाहर हो सकती है. 

क्या हैं नए उत्सर्जन मानदंड

दरअसल, पिछले कुछ सालों में शोध करने पर यह सामने आया है कि किसी भी गाड़ी को जब लॉन्च से पहले टेस्ट किया जाता है, तब उसका emissions (उत्सर्जन) अलग स्तर का होता है. जबकि गाड़ी इस्तेमाल किए जाने पर यह ज्यादा उत्सर्जन करने लगती है. ऐसे में यह पर्यावरण को जरूरत से ज्यादा नुकसान पहुंचाने लगती है. 

इसपर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) स्टैंडर्ड लागू करने जा रही है. इसके तहत कार कंपनियों को नई कारों में सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस लगाने होंगे. गाड़ी के उत्सर्जन को इस डिवाइस के जरिए लगातार ट्रैक किया जाता है. यह नियम पहले से कई देशों में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. भारत में इन्हें 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया जाएगा.