नॉर्थ कोरिया / दो दिन पहले दिखे थे किम, अब नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर की गोलीबारी

नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन के सामने आने के ठीक दो दिन बाद नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर गोलीबारी शुरू कर दी। साउथ कोरिया का कहना है कि स्थानीय समय के मुताबिक रविवार की सुबह 7:41 बजे नॉर्थ कोरिया ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में साउथ कोरिया की ओर से भी फायरिंग की गई।

AajTak : May 03, 2020, 04:22 PM
नॉर्थ कोरिया: के शासक किम जोंग उन के सामने आने के ठीक दो दिन बाद नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया पर गोलीबारी शुरू कर दी। साउथ कोरिया का कहना है कि स्थानीय समय के मुताबिक रविवार की सुबह 7:41 बजे नॉर्थ कोरिया ने सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में साउथ कोरिया की ओर से भी फायरिंग की गई। (फाइल फोटो)हालांकि, साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया की सीमा पर गोलीबारी में किसी के घायल होने की खबर नहीं आई है। करीब 20 दिन तक किम जोंग उन के बारे में तमाम अटकलें लगने के बाद एक मई को वे सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए थे।

साउथ कोरिया के मिलिट्री प्रमुख ने कहा है कि गोलीबार उस क्षेत्र में हुई है जिसे नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया ने असैन्य क्षेत्र घोषित कर रखा है। साउथ कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा है कि आगे किसी तरह की घटना से बचने के लिए दोनों देश बातचीत कर रहे हैं। साथ ही हम जरूरी तैयारी भी रखेंगे।

बता दें कि करीब 20 दिनों तक किम जोंग उन के खराब स्वास्थ्य के बारे में इंटरनेशनल मीडिया में रिपोर्ट्स छपती रहीं। इसके बाद नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम जोंग उन के एक कार्यक्रम में शामिल होने की फोटोज-वीडियो जारी किए। लेकिन स्वतंत्र रूप से कोई एजेंसी इन फोटोज की सत्यता प्रमाणित नहीं कर सकी है।

वहीं, सीमा पर अचानक गोलीबारी की घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। साउथ कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा है कि मिलिट्री हॉटलाइन के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये घटना क्यों हुई।

Yonhap न्यूज एजेंसी ने बाद में साउथ कोरिया की मिलिट्री के हवाले से कहा है कि नॉर्थ कोरिया की ओर से की गई गोलीबारी को जानबूझकर क्षति पहुंचाने वाला नहीं समझा जा रहा है।

1953 के कोरियाई युद्ध के बाद से ही दोनों देश तकनीकी रूप से युद्ध के कगार पर खड़े रहे हैं। हालांकि, सितंबर 2018 में किम जोंग उन और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने प्योंगयांग में एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इसके बाद से दोनों देशों में सैन्य तनाव कम देखा गया।