Lahore AQI Index / दुनिया का लाहौर बना सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर, जानें किस लेवल तक पहुंचा AQI

पाकिस्तान के लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है, जहां का एक्यूआई 394 तक पहुंच गया है। लगातार फसलों के अवशेष जलाने और उद्योगों से निकलने वाले धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। पंजाब सरकार ने इससे निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की योजना बनाई है।

Vikrant Shekhawat : Oct 23, 2024, 01:00 AM
Lahore AQI Index: पाकिस्तान के सांस्कृतिक शहर लाहौर की हालत इस समय अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि इसे हाल ही में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में मान्यता दी गई है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 394 पर पहुंच गया है, जो इसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखता है। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण स्थानीय सरकार ने कोहरे के प्रभाव को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश की योजना बनाई है।

प्रदूषण के कारण

लाहौर में वायु प्रदूषण का संकट मुख्यतः फसलों के अवशेष जलाने और औद्योगिक धुएं के कारण उत्पन्न हो रहा है। इस प्रदूषण के चलते यहां के निवासियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग खांसी, सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और त्वचा संक्रमण जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।

कृत्रिम बारिश की योजना

पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “कल लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया। हमने इस समस्या को सुलझाने के लिए कई उपाय किए हैं और अब हम शहर में कृत्रिम बारिश की योजना बना रहे हैं।” यह कदम प्रदूषण स्तर को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

स्पेशल टीम का गठन

पंजाब सरकार ने एक धूम कोहरा रोधी दल का गठन किया है, जो प्रदूषण से प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा। यह दल किसानों को फसलों के अवशेष जलाने से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करेगा और सुपर सीडर के उपयोग को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, फसलों के अवशेषों के निपटारे के लिए वैकल्पिक तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी।

पर्यावरण मंत्री की अपील

पंजाब की पर्यावरण मंत्री मरियम औरंगजेब ने प्रदूषण के खिलाफ उठाए गए कदमों के सकारात्मक प्रभाव को अगले आठ से 10 वर्षों में देखने की उम्मीद जताई। उन्होंने किसानों से फसलों के अवशेष जलाने से बचने की अपील की, क्योंकि यह न केवल फसलों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि उनके बच्चों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

एक्यूआई के आंकड़े

लाहौर का एक्यूआई स्तर 395 तक पहुंच गया है, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रदूषित शहर बनाता है। AQI का माप विभिन्न प्रदूषकों की सांद्रता के आधार पर होता है। AQI के स्तर को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा गया है:

  • 0-50: अच्छा
  • 51-100: संतोषजनक
  • 101-200: मध्यम
  • 201-300: खराब
  • 301-400: बहुत खराब
  • 401-500: गंभीर

निष्कर्ष

लाहौर का प्रदूषण संकट न केवल स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, बल्कि यह सरकार के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन गया है। कृत्रिम बारिश जैसी योजनाएं और किसानों के लिए जागरूकता अभियानों का उद्देश्य प्रदूषण के इस बढ़ते संकट को कम करना है। लाहौर के निवासियों की स्वास्थ्य और जीवनशैली की सुरक्षा के लिए समय पर उठाए गए कदम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।