Dainik Bhaskar : Dec 10, 2019, 05:24 PM
जयपुर. फिल्म पानीपत पर शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को इसकी गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी। जब शून्यकाल के दौरान रालोपा सांसद हनुमान बेनिवाल ने फिल्म को बैन करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पानीपत फिल्म पर बैन लगाया जाए। अन्यथा देश में कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है। हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा ने कहा कि पानीपत फिल्म रिलीज हुई है। जिसमें भरतपुर के महाराजा सुरजमल के संबंध में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिससे न केवल जाट समाज बल्कि देश के प्रत्येक व्यक्ति की भावनाएं अहात हुई हैं। आपसे अनुरोध है कि लाखों लोगों की भावनाओं और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, पानीपत फिल्म पर बैन लगाया जाए। अन्यथा देश में कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है।
बेनिवाल ने कहा कि राजस्थान में एक दिन पहले भी बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ। कई सिनेमा घर टूटे। हरियाणा और वेस्टर्न यूपी में भी आंदोलन चलाए जा रहे हैं। सूरजमल अजेय राजा थे। पानीपत के अंदर उन्होंने घायल मराठा को अपने यहां रखा। उनके लिए अलग से व्यवस्थाएं की। इतना निवेदन है कि मैरे समाज के साथ-साथ हिंदू राजा के नाम से महाराजा सूरजमल की ख्याति थी। उस भावना को ठेस लगी है। जिस तरह पहले भी 15 फिल्मों को बैन किया गया। इस फिल्म को भी बैन किया जाए, नहीं तो इस देश में बहुत बड़ा आंदोलन होगा।
फिल्म को लेकर विवाद?
फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने व आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया। इस पर पेशवा सदाशिव आपत्ति जताते हैं। सूरजमल भी अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से इनकार कर देते हैं। सूरजमल काे हरियाणवी व राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया है।
बेनिवाल ने कहा कि राजस्थान में एक दिन पहले भी बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ। कई सिनेमा घर टूटे। हरियाणा और वेस्टर्न यूपी में भी आंदोलन चलाए जा रहे हैं। सूरजमल अजेय राजा थे। पानीपत के अंदर उन्होंने घायल मराठा को अपने यहां रखा। उनके लिए अलग से व्यवस्थाएं की। इतना निवेदन है कि मैरे समाज के साथ-साथ हिंदू राजा के नाम से महाराजा सूरजमल की ख्याति थी। उस भावना को ठेस लगी है। जिस तरह पहले भी 15 फिल्मों को बैन किया गया। इस फिल्म को भी बैन किया जाए, नहीं तो इस देश में बहुत बड़ा आंदोलन होगा।
फिल्म को लेकर विवाद?
फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने व आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया। इस पर पेशवा सदाशिव आपत्ति जताते हैं। सूरजमल भी अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से इनकार कर देते हैं। सूरजमल काे हरियाणवी व राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया है।