Vikrant Shekhawat : Jun 27, 2022, 08:10 AM
Delhi: वयस्कों की तरह बच्चों में भी कोविड के कुछ लक्षण लंबे समय तक बने रहने का जिक्र करते हुए विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, हालांकि, उन्होंने शुरुआती दौर में ही इलाज की आवश्यकता पर बल दिया। 'लांसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल' में हाल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित बच्चों में कम से कम दो महीने तक कोविड के लक्षण बरकरार रह सकते हैं। 14 साल तक के बच्चों में लंबे समय तक कोविड के प्रभाव के संबंध में डेनमार्क में किए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है।
इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर कर्नल विजय दत्ता के मुताबिक, बच्चों में लंबे समय तक कोविड के प्रभाव की समस्या के बारे में पहले से ही जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हम वयस्कों की तरह बच्चों में भी लंबे समय तक कोविड के प्रभाव को देख रहे हैं। वयस्कों की तरह ही बच्चों में भी श्वसन प्रणाली संबंधी समस्याओं के अलावा बार-बार होने वाले निमोनिया का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह, प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते वे डायरिया और वजन कम होने जैसी दिक्कतों का भी सामना कर रहे हैं। डॉक्टर दत्ता ने कहा कि कोविड की चपेट में आए बच्चों में इस तरह की दिक्कतें आमतौर पर देखी जा रही हैं।फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट के शिशु विभाग के प्रमुख डॉ. कृष्ण चुग ने कहा कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। लांसेट के अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के तीनों समूह - तीन साल से कम, 4 से 11 साल और 12-14 साल - में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इस बात की काफी संभावना है कि दूसरे और तीसरे महीने में इनमें कम से कम एक लक्षण बरकरार रहे। चुग ने कहा कि हालांकि, अधिकतर बच्चों में हल्के लक्षण ही होते हैं।
इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर कर्नल विजय दत्ता के मुताबिक, बच्चों में लंबे समय तक कोविड के प्रभाव की समस्या के बारे में पहले से ही जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हम वयस्कों की तरह बच्चों में भी लंबे समय तक कोविड के प्रभाव को देख रहे हैं। वयस्कों की तरह ही बच्चों में भी श्वसन प्रणाली संबंधी समस्याओं के अलावा बार-बार होने वाले निमोनिया का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह, प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते वे डायरिया और वजन कम होने जैसी दिक्कतों का भी सामना कर रहे हैं। डॉक्टर दत्ता ने कहा कि कोविड की चपेट में आए बच्चों में इस तरह की दिक्कतें आमतौर पर देखी जा रही हैं।फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट के शिशु विभाग के प्रमुख डॉ. कृष्ण चुग ने कहा कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। लांसेट के अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के तीनों समूह - तीन साल से कम, 4 से 11 साल और 12-14 साल - में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इस बात की काफी संभावना है कि दूसरे और तीसरे महीने में इनमें कम से कम एक लक्षण बरकरार रहे। चुग ने कहा कि हालांकि, अधिकतर बच्चों में हल्के लक्षण ही होते हैं।