देश / जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं मिल जाती, लॉकडाउन नहीं हटाया जाना चाहिए- स्टडी

इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक हांगकांग में हुई रिसर्च में कहा गया है कि चीन में अगर प्रतिबंधों में छूट दी जाती है और वहां लोगों का मूवमेंट बढ़ता है तो कोरोना का संक्रमण दोबारा वापस लौट सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि अगर चीन की सरकार जल्दबाजी में प्रतिबंधों को खत्म करती है तो उसे दोबारा संक्रमण से निपटना पड़ सकता है।

News18 : Apr 10, 2020, 10:49 AM
कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर की गई एक नई स्टडी (study) में कहा गया है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन (Vaccine) नहीं मिल जाती, तब तक संक्रमण से जूझ रहे देशों को अपने यहां से लॉकडाउन (lockdown) नहीं हटाना चाहिए। चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के मामलों की स्टडी कर इस नतीजे पर पहुंचा गया है। स्टडी में ऐसे देशों को चेतावनी दी गई है, जो धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने पर विचार कर रहे हैं। इन देशों की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं कि उनके यहां लोगों की नॉर्मल लाइफ वापस लौटे।

इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक हांगकांग में हुई रिसर्च में कहा गया है कि चीन में अगर प्रतिबंधों में छूट दी जाती है और वहां लोगों का मूवमेंट बढ़ता है तो कोरोना का संक्रमण दोबारा वापस लौट सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि अगर चीन की सरकार जल्दबाजी में प्रतिबंधों को खत्म करती है तो उसे दोबारा संक्रमण से निपटना पड़ सकता है।

चीन में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों पर की गई स्टडी

ये स्टडी द लैंसेंट नाम के मेडिकल जर्नल में छपी है। इसमें चीन में कोरोना के सबसे ज्यादा असर वाले 10 प्रांतों के मामलों की स्टडी की गई है। रिसर्चर्स ने संक्रमण से प्रभावित चीन के उन 31 प्रांतों के मामलों को भी अपने अध्ययन में शामिल किया हैं, जहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।

चीन में लॉकडाउन के सख्ती से लागू करने के बाद कोरोना वायरस के नए संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई थी। हालात यहां तक पहुंच चुके थे कि एक संक्रमित व्यक्ति के दूसरों को संक्रमित करने की संभावना एक से कम रह गई थी। लेकिन चीन की सरकार के लॉकडाउन हटाने के फैसले के बाद संक्रमण के दोबारा वापस लौटने का खतरा बढ़ गया है।

रिसर्चर का दावा लॉकडाउन हटाने से दोबारा लौटेगा कोरोना

रिसर्च की अगुआई करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के प्रोफेसर टी वू ने कहा है कि लोगों के मूवमेंट पर लगे प्रतिबंधों की वजह से संक्रमण की संख्या कम करने में काफी मदद मिली। लेकिन अब स्कूल-कॉलेज और बिजनेस-फैक्ट्रियों के खुलने से लोग दोबारा से एकदूसरे के संपर्क में आने लगेंगे। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। ये पूरी दुनिया के लिए खतरनाक होगा।

प्रोफेसर टी वू ने कहा है कि अच्छा होगा कि आर्थिक गतिविधि को थोड़ा गति और उत्पादन शुरू करने के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग और एकदूसरे से कम से कम संपर्क में आने का प्रयास करते रहना चाहिए, जब तक की कोरोना वायरस को लेकर वैक्सीन नहीं बना ली जाती।

रिसर्चर्स ने कहा है कि उनकी स्टडी उन देशों पर भी लागू होती है, जिन्होंने वायरस संक्रमण के शुरुआती दिनों में ही लॉकडाउन लगा दिया था और अब वो उसमें छूट देने वाले हैं। यूके में लॉकडाउन का चौथा हफ्ता है और अभी भी वहां के वर्कर्स को घर से काम करने को कहा जा रहा है। वहां ज्यादातर दुकानें बंद हैं। जबकि चीन ने हुबेई के साथ वुहान में लगे लॉकडाउन में भी छूट दे दी है। सबसे पहले वायरस का संक्रमण इन्हीं इलाकों में देखा गया था और यहीं से ये पूरी दुनिया में फैला।