Maratha Reservation / महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण देने को तैयार- मनोज जरांगे का सरकार को 2 महीने का वक्त

महाराष्ट्र में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से अनशन कर रहे मनोज जरांगे ने गुरुवार (2 नवंबर) को अनशन खत्म कर दिया। मनोज ने सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया है। इसके पहले रिटायर्ड जज सुनील शुक्रे, एमजी गायकवाड़ ने मनोज से मुलाकात की। उन्होंने मनोज को बताया कि सरकार स्थायी आरक्षण देने के लिए कानूनी तौर पर क्या करेगी। इसके बाद 4 मंत्रियों धनंजय मुंडे, संदीपान भुमरे, अतुल सावे, उदय सामंत के

Vikrant Shekhawat : Nov 02, 2023, 11:30 PM
Maratha Reservation: महाराष्ट्र में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से अनशन कर रहे मनोज जरांगे ने गुरुवार (2 नवंबर) को अनशन खत्म कर दिया। मनोज ने सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया है। इसके पहले रिटायर्ड जज सुनील शुक्रे, एमजी गायकवाड़ ने मनोज से मुलाकात की। उन्होंने मनोज को बताया कि सरकार स्थायी आरक्षण देने के लिए कानूनी तौर पर क्या करेगी।

इसके बाद 4 मंत्रियों धनंजय मुंडे, संदीपान भुमरे, अतुल सावे, उदय सामंत के एक प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से मुलाकात कर भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने भी स्थायी मराठा आरक्षण देने का वादा किया। इसके बाद मनोज जरांगे ने अनशन खत्म करने की घोषणा की।

कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि विधानमंडल सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा। इस सत्र में 8 दिसंबर को मराठा आरक्षण पर चर्चा की जाएगी। जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण देने का वादा किया है। उन्होंने इसके लिए कुछ समय मांगा है। हम सबकी दिवाली मीठी बनाने के लिए सरकार को समय देंगे। अगर सरकार तय समय में आरक्षण नहीं देगी तो हम मुंबई में आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक मराठा आरक्षण नहीं मिल जाता, वे अपने घर में प्रवेश नहीं करेंगे।

14 दिन में 27 ने दी जान

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन हिंसक होता जा रहा है। 14 दिन में 27 लोग जान दे चुके हैं। 1 नवंबर को भी हिंगोली जिले में 2 लोगों ने सुसाइड किया। मनोज जरांगे पिछले 9 दिन से भूख हड़ताल पर थे। एक दिन पहले उन्होंने पानी पीना भी छोड़ दिया थ।

गुरुवार को ठाणे के भिवंडी में आंदोलनकारियों ने CM एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पोस्टर्स पर कालिख पोती। ये पोस्टर्स बसों पर लगे हुए थे।

सर्वदलीय बैठक में फैसला- मराठा आरक्षण मिलना चाहिए

महाराष्ट्र में CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में बुधवार को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।

बैठक के बाद CM शिंदे ने कहा- यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से भी अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है।

अब तक क्या हुआ?

30 अक्टूबर को बीड में हुई हिंसा मुंबई तक पहुंच गई है। कोलाबा इलाके में बुधवार सुबह विधायकों के सरकारी आवास के सामने दो अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रिफ के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की। इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

आंदोलन के समर्थन में अब तक दो सांसद और 4 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें शिवसेना शिंदे गुट के हिंगोली और नासिक के सांसद हेमंत पाटिल और हेमंत गोडसे शामिल हैं। इसके अलावा शिंदे की शिवसेना से विधायक रमेश बोरनारे, वैजापुर से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक रमेश बोरनारे, परभणी से कांग्रेस के विधायक सुरेश वारपुडकर, गेरवाई से भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने भी इस्तीफा दे दिया है।

सरकार में शामिल तीनों दलों के 10 विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया है।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस साल आंदोलन शुरू करने वाले मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल का आज 9वां दिन था।

मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जस्टिस संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दी गई। हालांकि, सरकार ने भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल की सभी मराठाओं को आरक्षण देने की मांग खारिज कर दी।

राज्य के DGP रजनीश सेठ ने बुधवार को कहा कि आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में अब तक 141 केस दर्ज किए गए हैं। 168 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने 12 करोड़ रुपए की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। इसके लिए 146 आरोपी व्यक्तियों को नोटिस दिया गया है।

ओबीसी समुदाय मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ

मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा।

फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना ​​है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।