ज़ीका वायरस / महाराष्ट्र में दर्ज हुआ ज़ीका वायरस का पहला मामला; 50-वर्षीय महिला का टेस्ट आया पॉज़िटिव

महाराष्ट्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि राज्य में ज़ीका वायरस का पहला मामला दर्ज हुआ है। बतौर मंत्रालय, पुणे की पुरंदर तहसील में एक 50-वर्षीय महिला मरीज़ मिली है। मंत्रालय ने कहा कि महिला बीमारी से उबर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से एक ज़ीका पॉज़िटिव मिला था।

Vikrant Shekhawat : Aug 01, 2021, 01:07 PM
पुणे: महाराष्ट्र में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया है. पुणे जिले के पुरंदर इलाके की 50 वर्षीय महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है. महिला का चिकनगुनिया टेस्ट भी पॉजिटिव आया है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार महिला अब ठीक हो चुकी है और उसके परिवार के सदस्यों में फिलहाल वायरस का कोई लक्षण नहीं हैं. वहीं केरल में भी जीका वायरस के दो नए संक्रमित मरीज मिले हैं. राज्य में जीका वायरस संक्रमितों की कुल संख्या 63 हो गई है. 

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पुरंदर तहसील के बेलसर गांव से जुलाई की शुरुआत से ही बुखार के कई मामले सामने आए. पांच नमूनों को परीक्षण के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी)  भेजा गया था. इन नमूनों में से तीन की चिकनगुनिया टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

इसके बाद, एक एनआईवी टीम ने 27 जुलाई से 29 जुलाई के बीच बेलसर और परिन्चे गांवों का दौरा किया और 41 लोगों के ब्लड सैंपल एकत्र किए. इनमें से 25 चिकनगुनिया, तीन डेंगू, और एक जीका वायरस का मामला सामने आया.

राज्य की त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने आज क्षेत्र का दौरा किया और स्थानीय निवासियों से उन सावधानियों के बारे में बात की जो उन्हें करनी चाहिए. स्वास्थ्य विभाग गांव में घर-घर जाकर सर्वे भी करेगा.

पुणे जिला प्रशासन ने लोगों से न घबराने की अपील की है. प्रशासन ने लोगों को भरोसा जताया है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है.

इससे पहले इस साल सिर्फ केरल में जीका वायरस संक्रमण मामले सामने आए थे. दक्षिणी राज्य में फिलहाल संक्रमण के 63 मामले हैं. संक्रमण एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के वाहक भी हैं.

जीका वायरस के संक्रमण के कुछ सामान्य लक्षण बुखार, शरीर में दर्द, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द हैं. लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं और अधिकांश संक्रमित लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं.