MS Dhoni Retirement / महेंद्र सिंह धोनी ने 'पहले प्यार' की वजह से लिया 15 अगस्त को संन्यास

महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा खिलाड़ी जिसने टीम इंडिया की 16 सालों तक सेवा की। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने बतौर कप्तान, बतौर विकेटकीपर और बतौर बल्लेबाज अपनी टीम का सिर गर्व से ऊंचा किया। एक ऐसा खिलाड़ी जिसका दिमाग मैदान पर कंप्यूटर से भी तेज चलता है। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, वो हमेशा कूल रहता है।

News18 : Aug 16, 2020, 06:53 AM
नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni Retirement) एक ऐसा खिलाड़ी जिसने टीम इंडिया की 16 सालों तक सेवा की। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने बतौर कप्तान, बतौर विकेटकीपर और बतौर बल्लेबाज अपनी टीम का सिर गर्व से ऊंचा किया। एक ऐसा खिलाड़ी जिसका दिमाग मैदान पर कंप्यूटर से भी तेज चलता है। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, वो हमेशा कूल रहता है। इसीलिए उनका नाम कैप्टन कूल भी पड़ा। अब वो खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुका है। धोनी ने 15 अगस्त, यानि भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संन्यास का ऐलान कर दिया। धोनी ने रिटायरमेंट के लिए 15 अगस्त तारीख ही क्यों चुनी? धोनी ने स्वंत्रता दिवस के दिन ही इतना बड़ा ऐलान क्यों किया? इस सवाल का जवाब जानना बेहद ही आसान है। दरअसल धोनी ने अपने पहले प्यार की वजह से ये सबकुछ किया है।

धोनी का पहला प्यार- राष्ट्र सेवा

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni Retirement) भले ही एक महान क्रिकेटर हों लेकिन वो दिल से एक ऐसे हिंदुस्तानी हैं, जो हर तरह से अपने देश की सेवा करना चाहते हैं। धोनी ने अपने करियर में कई बार कहा है कि राष्ट्र सेवा उनका पहला प्यार है और शायद इसीलिए वो क्रिकेट के अलावा इंडियन आर्मी से जुड़े हुए हैं। धोनी ने कई मौकों पर साबित भी किया है कि उनके लिए परिवार से पहले देश है।


पत्नी पर दी वर्ल्ड कप को तवज्जो

साल 2015 में एमएस धोनी ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे थे। उसी दौरान उनकी पत्नी साक्षी प्रेग्नेंट थी। लेकिन धोनी इसके बावजूद वर्ल्ड कप खेलने गए। यही नहीं बीच वर्ल्ड कप के दौरान धोनी को अपने बाप बनने की खबर मिली लेकिन धोनी अपने देश की खातिर घर नहीं लौटे। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि इस समय मेरे लिए देश ज्यादा जरूरी है बाकी सब इंतजार कर सकते हैं।।


सेना से जुड़े महेंद्र सिंह धोनी

भारत को वर्ल्ड कप 2011 जिताने के बाद धोनी को उनके करियर का सबसे बड़ा सम्मान मिला। धोनी को इंडियन आर्मी ने लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से नवाजा। धोनी ने बताया कि वो अगर क्रिकेटर नहीं होते तो वो सैनिक होते। धोनी ने लेफ्टिनेंट कर्नल बनने के बाद पैराट्रूपर ट्रेनिंग ली। यही नहीं वो पिछले साल कश्मीर में विक्टर फोर्स के साथ भी जुड़े।


पुलवामा हमले के बाद आर्मी कैप पहनकर खेला वनडे मैच

साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान टीम इंडिया ने रांची वनडे में आर्मी कैप पहनकर मैच खेला। भारतीय टीम ने सेना के सम्मान में और पुलवामा आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आर्मी कैप पहनी थी। साथ ही धोनी और पूरी टीम इंडिया ने अपनी मैच फीस शहीदों के परिवारों को दान में दी थी।


आर्मी यूनिफॉर्म में लिया पद्म भूषण सम्मान

साल 2018 में महेंद्र सिंह धोनी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। खास बात ये है कि धोनी सेना की वर्दी में ये सम्मान लेने पहुंचे थे। धोनी ने पद्म सम्मान मिलने के बाद कहा था कि आर्मी की यूनिफॉर्म में इस सम्मान को हासिल करना इस खुशी को दस गुना बढ़ा देता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'जो भी लोग वर्दी में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं और उनके परिवार भी जो कष्ट उठा रहे हैं उसके लिए उनका धन्यवाद। आपकी कुर्बानी की वजह से ही हम लोग खुशी मना पाते हैं और अपने अधिकारों को जी पाते हैं।' यही वजह है कि धोनी ने भारत के सबसे बड़े पर्व यानि स्वतंत्रता दिवस के दिन रिटायरमेंट का ऐलान किया। धोनी ने सच में अपने संन्यास को यादगार बना दिया है।