Vikrant Shekhawat : Apr 18, 2021, 04:45 PM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) इन दिनों बेहद तेजी से फैल रहा है। दिनोंदिन रिकॉर्ड संख्या में कोरोना संक्रमण (Covid 19) के नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने भी देश में खराब हो रहे कोरोना महामारी के हालात पर चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भी पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए देश में टीकाकरण (Corona vaccination) को बढ़ाने की जरूरत है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में डॉ। मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि उसकी ओर से किस वैक्सीन निर्माता कंपनी को अगले 6 महीनों के लिए कितने वैक्सीन डोज के ऑर्डर दिए गए हैं। उनका कहना है कि अगर हम इस 6 महीने के समय में तय संख्या में लोगों को टीका लगाएंगे तो हमें इसके लिए डोज के पर्याप्त ऑर्डर देने की आवश्यकता है। ताकि समय पर ये हमें उपलब्ध हो सकें।मनमोहन सिंह ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को यह भी जाहिर करना चाहिए कि कोरोना की इन वैक्सीन की डोज को किस तरह पारदर्शी तरीके से राज्यों को वितरित किया जाएगा। मनमोहन सिंह ने कहा है कि हमें कितने लोगों का टीकाकरण किया गया इस तरफ देखने के बजाए कितनी फीसदी आबादी का टीकाकरण किया गया, इस पर ध्यान देना चाहिए।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में डॉ। मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि उसकी ओर से किस वैक्सीन निर्माता कंपनी को अगले 6 महीनों के लिए कितने वैक्सीन डोज के ऑर्डर दिए गए हैं। उनका कहना है कि अगर हम इस 6 महीने के समय में तय संख्या में लोगों को टीका लगाएंगे तो हमें इसके लिए डोज के पर्याप्त ऑर्डर देने की आवश्यकता है। ताकि समय पर ये हमें उपलब्ध हो सकें।मनमोहन सिंह ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को यह भी जाहिर करना चाहिए कि कोरोना की इन वैक्सीन की डोज को किस तरह पारदर्शी तरीके से राज्यों को वितरित किया जाएगा। मनमोहन सिंह ने कहा है कि हमें कितने लोगों का टीकाकरण किया गया इस तरफ देखने के बजाए कितनी फीसदी आबादी का टीकाकरण किया गया, इस पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि सरकार को राज्यों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणियों को तय करने की छूट दी जाए। जिससे कि जरूरी सेवाओं में लगे उन फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लग सके जो 45 वर्ष से कम हों और जिन्हें राज्य सरकारों ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा हो।मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता देश के रूप में उभरा है। यह सराहनीय है। सरकार को वैक्सीन निर्माता कंपनियों को जरूरी फंड और अन्य मदद मुहैया कराई जानी चाहिए ताकि वैक्सीन को उत्पादन बड़ी संख्या में होता रहे। उन्होंने कहा है कि इस समय कानून में जरूरी लाइसेंसिंग प्रावधान लाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक कंपनियां लाइसेंस के तहत वैक्सीन उत्पादन कर सकें।मनमोहन सिंह ने आखिरी सुझाव में कहा है कि देश में अभी वैक्सीन सप्लाई सीमित है। ऐसे में विश्व की कोई भी विश्वसनीय अथॉरिटी की ओर से अगर किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है तो हमें भी उसे आयात करना चाहिए। हम ऐसा भारत में बिना उसके ट्रायल के कर सकते हैं। इस समय भारत में आपातकाल है। इमरजेंसी में उसके इस्तेमाल के समय ही देश में साथ ही साथ उसका ट्रायल भी किया जा सकता है।Former PM Dr Manmohan Singh writes PM Narendra Modi, "The key to our fight against COVID19 must be ramping up the vaccination effort. We must resist the temptation to look at the absolute numbers being vaccinated, and focus instead on the percentage of the population vaccinated" pic.twitter.com/OiDXnngIJ8
— ANI (@ANI) April 18, 2021