न्यूज हैल्पलाइन . मुम्बई | कोरोना काल में भारत के श्रमिक मजदूरों के रोजी-रोटी का जरिया छीन सा गया हैं। ऐसे में कई सेलिब्रिटीज इस ओर कदम बढ़ा कर मजदूरों के रोजी-रोटी को बढ़ावा दे रहें हैं। मनोज बाजपेयी और उनकी पत्नी शबाना रजा बाजपेयी ने हेल्पींग हैंड चेरीटेबल ट्रस्ट के साथ मिलकर 74 प्रोजेक्ट पूरा करने का जिम्मा इस महीने यानि अगस्त से शुरू किया। अब इसी पहल का पहला प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। जिसकी जानकारी मनोज ने अपने पोस्ट के जरिए दी।
अगस्त के पहले हफ्ते में फरीदाबाद में रहनेवाली बंसवारा सम्प्रदाय की महिलाओं के रोजगार के लिए हाथ आगे बढाया। दरअसल यह महिलाएं बांस और गन्ने की लकड़ियों से बने उत्पादों को बनाने में माहिर है। लाकडाउन के पहले यह महिलाएं राजस्थान और मध्यप्रदेश में रहकर यह व्यवसाय करती थीं। पर कोरोनावायरस के प्रभाव का असर इनके व्यवसाय पर भी पड़ा। और अब यह अपने मूल स्थान फरीदाबाद में हैं। जहां इनके उत्पादों का कोई व्यवसाय नहीं हो पा रहा हैं। इन्हीं महिलाओं की मदत के लिए श्रमिक सम्मान पहल द्वारा मदत किया जा रहा हैं। श्रमिक सम्मान के वालींटर विमल ने इनके द्वारा बनाए गए उत्पादों कों फरीदाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी बेचकर इनकी मदत कर रहें हैं। ऐसे में इन महिलाओं को एक तरह से रोटी का जरिया मिल रहा हैं। मनोज ने अपनी पोस्ट पर कुछ महिलाओं की तस्वीरें और नाम लिखकर अधिक जानकारी दी। गुलाब कली, गेंदा, राम कली जैसी अनेक महिलाएं सामने आ रही है। मनोज ने इन महिलाओं द्वारा बनाए उत्पादों को खरीदने के लिए लिंक भी शेयर किया और कहा आप सभी भी एक हाथ आगे बढ़ाईए और इन उत्पादों को खरीद कर लोकल व्यवसाय और कारीगरों की मदत करें। मनोज बाजपेयी ने साथ ही आगे आनेवाले कई प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने की बात कहीं और श्रमिक सम्मान से जुड़े सभी लोगों को टैग किया। मनोज बाजपेयी के वर्कफ्रंट की बात करें तो वे फिल्म "सूरज पे मंगल भारी" में नजर आएंगे। फिल्म में फातिमा सना शेख और दिलजीत दोसांझ भी लीड रोल में है।
अगस्त के पहले हफ्ते में फरीदाबाद में रहनेवाली बंसवारा सम्प्रदाय की महिलाओं के रोजगार के लिए हाथ आगे बढाया। दरअसल यह महिलाएं बांस और गन्ने की लकड़ियों से बने उत्पादों को बनाने में माहिर है। लाकडाउन के पहले यह महिलाएं राजस्थान और मध्यप्रदेश में रहकर यह व्यवसाय करती थीं। पर कोरोनावायरस के प्रभाव का असर इनके व्यवसाय पर भी पड़ा। और अब यह अपने मूल स्थान फरीदाबाद में हैं। जहां इनके उत्पादों का कोई व्यवसाय नहीं हो पा रहा हैं। इन्हीं महिलाओं की मदत के लिए श्रमिक सम्मान पहल द्वारा मदत किया जा रहा हैं। श्रमिक सम्मान के वालींटर विमल ने इनके द्वारा बनाए गए उत्पादों कों फरीदाबाद ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी बेचकर इनकी मदत कर रहें हैं। ऐसे में इन महिलाओं को एक तरह से रोटी का जरिया मिल रहा हैं। मनोज ने अपनी पोस्ट पर कुछ महिलाओं की तस्वीरें और नाम लिखकर अधिक जानकारी दी। गुलाब कली, गेंदा, राम कली जैसी अनेक महिलाएं सामने आ रही है। मनोज ने इन महिलाओं द्वारा बनाए उत्पादों को खरीदने के लिए लिंक भी शेयर किया और कहा आप सभी भी एक हाथ आगे बढ़ाईए और इन उत्पादों को खरीद कर लोकल व्यवसाय और कारीगरों की मदत करें। मनोज बाजपेयी ने साथ ही आगे आनेवाले कई प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने की बात कहीं और श्रमिक सम्मान से जुड़े सभी लोगों को टैग किया। मनोज बाजपेयी के वर्कफ्रंट की बात करें तो वे फिल्म "सूरज पे मंगल भारी" में नजर आएंगे। फिल्म में फातिमा सना शेख और दिलजीत दोसांझ भी लीड रोल में है।