Vikrant Shekhawat : Sep 14, 2020, 11:18 PM
न्यूज हैल्पलाइन . मुम्बई | आज हिंदी दिवस के दिन गीतकार मनोज मुंतशिर और एक्टर मनोज बाजपयी अपनी फेंस को सोशल मीडिया पर शुभकामनाएँ देते नजर आये.
प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। शैक्षणिक संस्थानों से लेकर कार्यालयों तक में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।बता दें कि हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में पहचान दी गई थी। हिंदी दिवस को मनाने की शुरुआत सन् 1952 से हुई। खासकर हिंदी बेल्ट के शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में हिंदी पखवाड़ा के दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों में भी इस दौरान कविता पाठ, भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।एक्टर मनोज बाजपयी अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “हिंदी दिवस पर सभी हिंदी भाषी और हिंदी को प्रेम करने वालों को हार्दिक शुभकामनाएँ!!!”वही मनोज मुंतशिर ने पोस्ट किया, “मुझे अपने गर्भ से दूसरा जन्म देने वाली हिंदी माँ को सुखद भविष्य की शुभकामनाएँ. सच यही है कि हिंदी भाषा न होती.. तो मेरे जैसे साधारण आदमी के जीवन में कुछ बड़ा कर गुज़रने की आशा न होती. #हिंदीदिवस2020”राष्ट्र गौरव ‘हिंदी’ हर दिन विकास के नए कीर्तिमान गढ़ रही है और एक नदी की तरह आगे बढ़ रही है। हिंदी का महत्व युग-युगांतर तक कम नहीं होने वाला है। कहावत है कि उर्दू प्यार की भाषा है, अंग्रेजी व्यापार की भाषा है लेकिन हिंदी व्यवहार की भाषा है।
प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। शैक्षणिक संस्थानों से लेकर कार्यालयों तक में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।बता दें कि हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में पहचान दी गई थी। हिंदी दिवस को मनाने की शुरुआत सन् 1952 से हुई। खासकर हिंदी बेल्ट के शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में हिंदी पखवाड़ा के दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों में भी इस दौरान कविता पाठ, भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।एक्टर मनोज बाजपयी अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “हिंदी दिवस पर सभी हिंदी भाषी और हिंदी को प्रेम करने वालों को हार्दिक शुभकामनाएँ!!!”वही मनोज मुंतशिर ने पोस्ट किया, “मुझे अपने गर्भ से दूसरा जन्म देने वाली हिंदी माँ को सुखद भविष्य की शुभकामनाएँ. सच यही है कि हिंदी भाषा न होती.. तो मेरे जैसे साधारण आदमी के जीवन में कुछ बड़ा कर गुज़रने की आशा न होती. #हिंदीदिवस2020”राष्ट्र गौरव ‘हिंदी’ हर दिन विकास के नए कीर्तिमान गढ़ रही है और एक नदी की तरह आगे बढ़ रही है। हिंदी का महत्व युग-युगांतर तक कम नहीं होने वाला है। कहावत है कि उर्दू प्यार की भाषा है, अंग्रेजी व्यापार की भाषा है लेकिन हिंदी व्यवहार की भाषा है।