पाकिस्तान / पाकिस्तानी पीएम ने की गणेश मंदिर में हमले की निंदा; कहा- मंदिर का जीर्णोद्धार करवाएंगे

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रहीम यार खान ज़िले (पंजाब) के भोंग में गणेश मंदिर में हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने पंजाब के आईजी से दोषियों की गिरफ्तारी और पुलिस विभाग की किसी भी लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।" बकौल प्रधानमंत्री खान, "सरकार मंदिर का जीर्णोद्धार भी करवाएगी।"

Vikrant Shekhawat : Aug 06, 2021, 08:51 AM
पंजाब: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहीम यार ख़ान ज़िले के भोंग शरीफ़ इलाक़े में नाराज़ लोगों ने एक मंदिर पर हमला किया और तोड़-फोड़ की. हालात हालात को नियंत्रित करने के लिए इलाके़ में पुलिस और रेंजर्स को तैनात किया गया.

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में दर्जनों लोगों को मंदिर की खिड़कियों, दरवाज़ों और वहां स्थापित मूर्तियों को लाठी, पत्थर और ईंटों से तोड़ते हुए देखा जा सकता है.

इस मामले में पाकिस्तान की कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. वहीं इस हमले की गूंज भारत तक सुनाई दी.

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस मामले पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है और पाकिस्तान से अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.

इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की भी प्रतिक्रिया आई. इमरान ख़ान ने हमले की निंदा करते हुए बताया है कि सरकार मंदिर की मरम्मत कराएगी.

इमरान ख़ान ने ट्विटर पर लिखा है, "मैं पंजाब के आईजी से कह चुका हूं कि वो सभी दोषियों की गिरफ़्तारी तय करें और अगर पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही हुई है तो कार्रवाई करें. सरकार मंदिर की मरम्मत कराएगी."

लोगों की सुरक्षा के लिए जवान तैनात किए गए

डीपीओ रहीम यार ख़ान असद सरफ़राज़ ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि सादिक़ाबाद के भोंग शरीफ़ इलाक़े में फ़िलहाल पुलिस अभियान जारी है.

उन्होंने आगे कहा कि इलाक़े में रेंजर्स और पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है, स्थिति नियंत्रण में है और यहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस समय घटना के संबंध में क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है.

चीफ़ जस्टिस ने जताई चिंता

वहीं गुरुवार को पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के संरक्षक डॉ रमेश कुमार वांकवानी ने चीफ़ जस्टिस गुलज़ार अहमद से मुलाक़ात कर मंदिर पर हुए हमले की चर्चा की. जिसके बाद चीफ़ जस्टिस ने मंदिर में हुई तोड़ फोड़ को लेकर गंभीर चिंता जताई है.

सुप्रीम कोर्ट से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि चीफ़ जस्टिस ने "इस दुखद घटना पर अपनी गंभीर चिंता जताई."

साथ ही चीफ़ जस्टिस ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार यानी 6 अगस्त को इस्लामाबाद कोर्ट में तय किया है. उन्होंने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस) को मामले की रिपोर्ट के साथ कोर्ट की सुनवाई के दौरान हाजिर रहने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के पीआरओ की तरफ से जारी इस बयान के मुताबिक सुनवाई के लिए डॉ. वांकवानी को भी तलब किया गया है.

जिस इलाक़े में यह घटना हुई वहां मंदिर के आसपास हिंदू समुदाय के 80 घर हैं और क्षेत्र की अधिकांश आबादी मुसलमानों की है.

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इससे पहले यहां इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है.

क्या है मामला?

नेशनल असेंबली के सदस्य और देश में हिंदू काउंसिल के संरक्षक डॉक्टर रमेश कुमार ने बीबीसी को बताया कि इलाक़े में 4 अगस्त दोपहर 12 बजे से तनाव शुरू हो गया था.

भोंग थाने के एएसआई ने बीबीसी को बताया कि इलाक़े के एक जौहरी ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट की थी जिसमें लिखा था कि ''हिन्दू और मुसलमान यहां एक साथ खाना खाते हैं, उन्हें इससे रोका जाना चाहिए.''

एएसआई आगे बताते हैं कि उसके बाद वहां झगड़ा शुरू हो गया और पास के इलाके से असामाजिक तत्व भी वहां पहुंच गए.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक गुस्साए लोगों ने स्थानीय मंदिर में तोड़फोड़ की और जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन पर भी पथराव किया.

उन्होंने कहा कि अभी तक घटना की कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं हुई है और न ही कोई गिरफ़्तारी हुई है, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है और वहां रेंजर्स भी मौजूद हैं.

भारत ने क्या कहा?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर पाकिस्तान के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि पाकिस्तान के उच्चयोग के वरिष्ठ अधिकारी को बुलाकर चिंता से अवगत कराया गया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर मंदिर और आसपास के घरों पर हुए हमले रिपोर्ट देखी हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे 'हमले चिंताजनक रफ़्तार में हो रहे हैं और पाकिस्तान की सरकार और सुरक्षा संस्थान अल्पसंख्यक समुदायों और उनके पूजा स्थलों पर होने वाले हमलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, "पाकिस्तान से मांग की गई है कि वो अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा और खुशहाली सुनिश्चित करें."