Vikrant Shekhawat : Oct 13, 2020, 08:22 AM
नई दिल्ली. उत्तर से दक्षिण भारत तक प्रधान मंत्री किसान निधि योजना में भ्रष्टाचार जारी है। तमिलनाडु हो या यूपी का बाराबंकी और मिर्जापुर। भ्रष्टाचारियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी किसान योजना को नहीं छोड़ा। हालांकि, जगह-जगह से आ रही गड़बड़ियों की खबरों के बीच सरकार भी सख्त हो गई है। जिन लोगों ने गलत तरीके से पैसा लिया है, उन्हें उस राशि को वापस करने के लिए कहा जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो कृषि विभाग सरकारी धन की वसूली के लिए एफआईआर दर्ज करेगा।
सितंबर के महीने में ही पता चला था कि यूपी के बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में बड़ा घोटाला हुआ है। ढाई लाख अपात्र लाभार्थियों को पैसा मिला है। प्रशासन ने धनराशि निकालने का अभियान शुरू किया है। सितंबर में ही गाजीपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। बताया गया है कि डेढ़ लाख फर्जी किसानों में से डेढ़ लाख नाम यहां भी हटाए गए हैं। सत्यापन के द्वारा अपात्र लोगों की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। तमिलनाडु में, इस योजना में देश की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है।। सूत्रों के अनुसार, 96 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 13 जिलों में, एफआईआर दर्ज करके 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।ऐसी स्थिति में, विचार करें कि यदि आपने गलत तरीके से फायदा उठाया है, तो किसी भी स्थिति में इसे सरकारी खजाने में वापस करना होगा। उस पैसे को कोई पचा नहीं सकता। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पहले ही राज्यों को लिखा है और कहा है कि अगर अपात्र को पैसे के बारे में जानकारी मिलती है, तो उनका पैसा कैसे वापस किया जाएगा। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से ऐसे लोगों का पैसा चला गया है और डीबीटी से ही पैसा निकाल लिया जाएगा।
सितंबर के महीने में ही पता चला था कि यूपी के बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में बड़ा घोटाला हुआ है। ढाई लाख अपात्र लाभार्थियों को पैसा मिला है। प्रशासन ने धनराशि निकालने का अभियान शुरू किया है। सितंबर में ही गाजीपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। बताया गया है कि डेढ़ लाख फर्जी किसानों में से डेढ़ लाख नाम यहां भी हटाए गए हैं। सत्यापन के द्वारा अपात्र लोगों की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। तमिलनाडु में, इस योजना में देश की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है।। सूत्रों के अनुसार, 96 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 13 जिलों में, एफआईआर दर्ज करके 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।ऐसी स्थिति में, विचार करें कि यदि आपने गलत तरीके से फायदा उठाया है, तो किसी भी स्थिति में इसे सरकारी खजाने में वापस करना होगा। उस पैसे को कोई पचा नहीं सकता। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पहले ही राज्यों को लिखा है और कहा है कि अगर अपात्र को पैसे के बारे में जानकारी मिलती है, तो उनका पैसा कैसे वापस किया जाएगा। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से ऐसे लोगों का पैसा चला गया है और डीबीटी से ही पैसा निकाल लिया जाएगा।