Vikrant Shekhawat : Jun 16, 2022, 07:48 AM
Delhi: देश के अर्द्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के लिए कुल करीब 11,09,5511 पद स्वीकृत हैं। केंद्रीय गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मार्च 2021 में संसद में बताया था की सीएपीएफ के लिए कुल स्वीकृत पदों में से 1,11,093 पद रिक्त हैं। इसमें से अधिकतर पद कॉन्स्टेबल रैंक के हैं। कोरोना महामारी के कारण भर्तियां बंद रहने से अर्द्धसैनिक बलों में रिक्तियों की संख्या बढ़ी है।
केंद्र सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों में रिक्तियों को लेकर लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया था कि रिक्तियां बढ़ने के कई प्रमुख कारण हैं। सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और सैनिकों की मौत के कारण रिक्तियां तेजी से बढ़ रही हैं। सदन में दी गई जानकारी के अनुसार अर्द्धसैनिक बलों के हर ग्रेड में हर साल औसतन 10 फीसदी रिक्तियां बढ़ रही हैं।
कहां कितने जवानों के पद खालीबीएसएफ 28,926सीआरपीएफ 26,506सीआईएसएफ 23,906एसएसबी 18,643असम राइफल्स 7238आईटीबीपी 5784सीएपीएफ में सिर्फ 2.8 फीसदी महिला सैनिककेंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार अर्द्धसैनिक बलों में महिला सैनिकों की कुल संख्या 29,249 है। बल के सभी टुकड़ियों में महिला सैनिकों की भागीदारी महज 2.98 फीसदी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनवरी 2020 में रिपोर्ट जारी करते हुए ये जानकारी दी थी। कोरोना महामारी के कारण भर्ती प्रक्रिया बंद रहने से सैनिकों का संकट और गहरा गया है।सीएपीएफ में अफसरों का भी संकटकेंद्रीय गृहमंत्रालय की मार्च-2022 की रिपोर्ट के अनुसार देश में अर्द्धसैनिक बलों में काम करने वाले राजपत्रित अधिकारियों का भी संकट है। 2018 से 2021 के बीच राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति में 70 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट की मानें तो सीएपीएफ में राजपत्रित अधिकारियों के 1969, और मातहत अधिकारियों के 23,129 पद खाली हैं।2021 में एक भी अधिकारी की भर्ती नहींकेंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसबलों में भी राजपत्रित अधिकारियों का संकट है। केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में 2018 में 141 राज पत्रित अधिकारियों की भर्ती हुई। 2019 में ये गिरकर 48 हो गई। 2020 में 65 तो 2021 में एक भी राजपत्रित अधिकारी की भर्ती नहीं हुई्र थी।अर्द्धसैनिक बलों के प्रमुख अंगअसम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) अर्द्धसैनिक बलों के प्रमुख अंग हैं।
केंद्र सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों में रिक्तियों को लेकर लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया था कि रिक्तियां बढ़ने के कई प्रमुख कारण हैं। सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और सैनिकों की मौत के कारण रिक्तियां तेजी से बढ़ रही हैं। सदन में दी गई जानकारी के अनुसार अर्द्धसैनिक बलों के हर ग्रेड में हर साल औसतन 10 फीसदी रिक्तियां बढ़ रही हैं।
कहां कितने जवानों के पद खालीबीएसएफ 28,926सीआरपीएफ 26,506सीआईएसएफ 23,906एसएसबी 18,643असम राइफल्स 7238आईटीबीपी 5784सीएपीएफ में सिर्फ 2.8 फीसदी महिला सैनिककेंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार अर्द्धसैनिक बलों में महिला सैनिकों की कुल संख्या 29,249 है। बल के सभी टुकड़ियों में महिला सैनिकों की भागीदारी महज 2.98 फीसदी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनवरी 2020 में रिपोर्ट जारी करते हुए ये जानकारी दी थी। कोरोना महामारी के कारण भर्ती प्रक्रिया बंद रहने से सैनिकों का संकट और गहरा गया है।सीएपीएफ में अफसरों का भी संकटकेंद्रीय गृहमंत्रालय की मार्च-2022 की रिपोर्ट के अनुसार देश में अर्द्धसैनिक बलों में काम करने वाले राजपत्रित अधिकारियों का भी संकट है। 2018 से 2021 के बीच राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति में 70 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट की मानें तो सीएपीएफ में राजपत्रित अधिकारियों के 1969, और मातहत अधिकारियों के 23,129 पद खाली हैं।2021 में एक भी अधिकारी की भर्ती नहींकेंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसबलों में भी राजपत्रित अधिकारियों का संकट है। केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में 2018 में 141 राज पत्रित अधिकारियों की भर्ती हुई। 2019 में ये गिरकर 48 हो गई। 2020 में 65 तो 2021 में एक भी राजपत्रित अधिकारी की भर्ती नहीं हुई्र थी।अर्द्धसैनिक बलों के प्रमुख अंगअसम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) अर्द्धसैनिक बलों के प्रमुख अंग हैं।