कोरिया / 7डी टेक्‍नोलॉजी के जरिये चार साल पहले मर चुकी बेटी से मां ने की बात

हमारी जिंदगी में विज्ञान की बहुत अहमियत है। इसने कहीं न कहीं किसी न किसी तरह से इंसान को प्रभावित किया है। कैसा हो अगर किसी की मृत्‍यु के बाद भी उससे मिला जा सके। ताजा मामला एक मां से उसकी मृत बेटी को मिलवाने से जुड़ा है। हाल में विज्ञान ने यह चमत्‍कार कर दिखाया है। इसके तहत एक मां अपनी 7 साल की उस बेटी से मिली जिसकी मौत 2016 में ही हो चुकी थी।

News18 : Feb 13, 2020, 05:37 PM
कोरिया: हमारी जिंदगी में विज्ञान की बहुत अहमियत है। इसने कहीं न कहीं किसी न किसी तरह से इंसान को प्रभावित किया है। कैसा हो अगर किसी की मृत्‍यु के बाद भी उससे मिला जा सके। ताजा मामला एक मां से उसकी मृत बेटी को मिलवाने से जुड़ा है। हाल में विज्ञान ने यह चमत्‍कार कर दिखाया है। इसके तहत एक मां अपनी 7 साल की उस बेटी से मिली जिसकी मौत 2016 में ही हो चुकी थी।

यह घटना कोरिया (Korea) की है। यहां के एक टीवी शो 'मीटिंग यू' में एक मां को उनकी मृत बेटी से मिलवाया गया। दरअसल, यह सब 7डी टेक्‍नोलॉजी की वजह से मुमकिन हो पाया। यहां तक कि इस शो के दौरान मां और उनकी बेटी ने एक-दूसरे को छुआ भी। दोनों ने देर तक एक-दूसरे से खूब बातें कीं और एक-दूसरे को बहुत प्‍यार किया।

इसमें मृत बेटी ने जाते समय अपनी मां से यह वादा भी किया कि वह उनसे फिर मिलने आएगी। उसने अपनी मां को यह भी बताया कि अब उसे वह दर्द भी नहीं है जिसकी वजह से उसकी मौत हुई थी। दोनों मां-बेटी की मुलाकात वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) के जरिये हुई। दरअसल, यह 7डी टेक्‍नोलॉजी के जरिये संभव हुआ। इसी के जरिये मां ने अपनी बेटी से बात भी की और उसे अपने सामने बैठा महसूस किया। इस कोरियन मां का नाम जांग जी सुंग है और बेटी का नाम नेइयॉन बताया गया।

इस शो पर मां ने बताया कि वह अपनी बेटी को बहुत याद करती है। इस पर बेटी नेइयॉन ने भी जवाब में कहा कि वह भी अपनी मां को याद करती है। उस समय मां-बेटी की मुलाकात में भावुकता आ गई जब इस मुलाकात के दौरान बेटी की आंखों से आंसू बहने लगे। वहीं दर्शक दीर्घा में बैठे नेइयॉन के पिता और भाई, बहन भी मां-बेटी के इस मिलन को देख रहे थे।

वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्‍स के प्रोफेसर ब्‍ले व्हिटबी ने कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं है कि दोनों की इस मुलाकात का मां पर क्‍या मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है या आगे पड़ेगा। इसमें यह भी हो सकता है कि वह अपनी बेटी को और ज्‍यादा याद करने लगें या फिर इस मुलाकात के बाद उनके अंदर की भावुकता उन्‍हें सुकून दे और वह खुशी महसूस करें। वैज्ञानिक भले ही इसे विज्ञान की ओर से हुए किसी चमत्‍कार की तरह देख रहे हों, मगर इस पर दुनिया में चर्चा शुरू हो गई है कि नैतिकता के आधार पर इसे किस तरह देखा जाए और किसी मृत व्‍यक्ति को उसके परिजनों से एक तकनीक के जरिये मिलवाना कैसा है।

क्‍योंकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि उस महिला को वर्चुअल टेक्‍नोलॉजी के जरिये मिलवाने के बाद क्‍या परिणाम सामने आया है और मानसिक तौर पर उस पर क्‍या प्रभाव पड़ा है।दरअसल, इस तकनीक में खास बात यह है कि इसमें आप किसी गढ़े गई इंसान को भी वास्‍तविकता जैसा महसूस करते हैं। वर्चुअल रियलिटी के जरिये जांग जी सुंग की बेटी का शरीर दोबारा गढ़ा गया। फिर उसमें आवाज डाली गई और उसे हूबहू वैसा बनाया गया जैसी कि वह वास्‍तविकता में थी।