बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 20 अगस्त को पड़ने वाले मुहर्रम के लिए शर्तों के साथ जुलूस की अनुमति दी। न्यायमूर्ति के.के. टेट और पी.वी. चव्हाण आसिफ नकवी की सिफारिश के जरिए अखिल भारतीय इदारा-ए-तहफुज-ए-हुसैनियत द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
याचिका में महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुहर्रम के लिए नौ अगस्त को जारी किए गए सुझावों पर शर्तों की मांग की गई है, जिसे कानून के समक्ष समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया जा रहा है। इसने कहा कि शिया संप्रदाय के आध्यात्मिक प्रमुखों से परामर्श किए बिना सुझावों का आयोजन किया गया था।
कोर्ट रूम ने तीन घंटे के लिए प्रत्येक सात वाहनों में 15 पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों की भागीदारी की अनुमति दी। इसने 5 ताजियाओं को भी अनुमति दी, लेकिन सबसे प्रभावी 25 लोगों को कब्रिस्तान में जाने की अनुमति दी जा सकती है।