Mukesh Ambani News / मुकेश अंबानी का साल खत्म होने से पहले ही एक और धमाका, खरीदी ये कंपनी

साल खत्म होने से पहले, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 375 करोड़ रुपये में टेक-आधारित हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म कर्किनोस का अधिग्रहण किया। कर्किनोस कैंसर के शीघ्र निदान और इलाज में टेक सॉल्यूशन प्रदान करती है। कंपनी ने अब तक 60 अस्पतालों से साझेदारी की है। अंबानी की रिलायंस हेल्थ इनोवेशन में अग्रणी है।

Vikrant Shekhawat : Dec 29, 2024, 07:00 AM
Mukesh Ambani News: साल 2023 खत्म होने में अभी तीन दिन शेष हैं, और अधिकांश कंपनियां अपने नए साल के विकास योजनाओं पर काम करना शुरू कर रही हैं। लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो हमेशा से अपनी आक्रामक रणनीति के लिए जानी जाती है, ने साल खत्म होने से पहले ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। मुकेश अंबानी की कंपनी ने टेक-बेस्ड हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म कर्किनोस का 375 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया है। यह डील न केवल रिलायंस के हेल्थकेयर पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी बल्कि भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को एक नई दिशा भी देगी।

टेक्नोलॉजी के साथ हेल्थकेयर में बदलाव

कर्किनोस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 24 जुलाई 2020 को भारत में हुई थी। कंपनी मुख्य रूप से कैंसर का शीघ्र पता लगाने और कम लागत पर प्रभावी इलाज के लिए टेक्नोलॉजी-बेस्ड समाधान प्रदान करती है। रिलायंस स्ट्रैटेजिक बिजनेस वेंचर्स लिमिटेड (RSBVL), जो रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, ने कर्किनोस का अधिग्रहण किया है।

कंपनी ने कैंसर के उपचार को सरल और किफायती बनाने के लिए कई टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन किए हैं। दिसंबर 2023 तक, कर्किनोस ने 60 से अधिक अस्पतालों के साथ साझेदारी की है। यह पहल न केवल मरीजों के लिए राहतकारी है, बल्कि हेल्थकेयर क्षेत्र में रिलायंस की साख को भी और मजबूत करेगी।

किफायती इलाज के बावजूद अच्छा मुनाफा

कर्किनोस की सेवाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह कैंसर के शुरुआती पता लगाने और इलाज के लिए सस्ती दरों पर समाधान देती है। इसके बावजूद कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया है, जो इस बात का प्रमाण है कि टेक्नोलॉजी का सही उपयोग न केवल मुनाफा कमा सकता है, बल्कि सामाजिक कल्याण को भी बढ़ावा दे सकता है।

अन्य हालिया अधिग्रहण

कुछ दिनों पहले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अमेरिकी कंपनी हेल्थ एलायंस ग्रुप इंक में 45% हिस्सेदारी खरीदी थी। यह डील 10 मिलियन डॉलर (लगभग 84.95 करोड़ रुपये) में हुई। हेल्थ एलायंस ग्रुप मुख्य रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लिए टेक-आधारित हेल्थकेयर समाधान प्रदान करता है।

हेल्थकेयर में नई संभावनाएं

मुकेश अंबानी की यह रणनीति भारत के हेल्थकेयर सेक्टर को नया आयाम दे रही है। टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को जोड़कर रिलायंस ने यह दिखाया है कि वह न केवल आर्थिक विकास के लिए, बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए भी प्रतिबद्ध है।

यह अधिग्रहण न केवल रिलायंस को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मजबूती देगा, बल्कि मरीजों के लिए उन्नत और सस्ती सेवाएं उपलब्ध कराएगा। यह कदम दर्शाता है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज भविष्य में हेल्थकेयर के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगी।