AMAR UJALA : Aug 19, 2020, 08:25 PM
नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साझा पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। सीईटी के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्वतंत्र भारत के बड़े ऐतिहासिक सुधारों में से एक बताया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसे अहम फैसला बताते हुए कहा कि एजेंसी के गठन से करोड़ों युवाओं को फायदा होगा। सीईटी के जरिए अब कई तरह के टेस्ट की जरूरत नहीं होगी जिससे अभ्यर्थियों का समय और संसाधन बचेगा। इससे पारदर्शिता को भी बहुत बड़ा बल मिलेगा। बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिए कई अलग अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिए अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिए ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आएंगी।एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आएंंगे। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे। परीक्षा आयोजित करने के लिए हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) की मेरिट लिस्ट तीन साल तक मान्य रहेगी। इस दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीईटी के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। इससे भर्ती, चयन, नौकरी में आसानी और विशेष रूप से समाज के उन वर्गों के लिए जीवन में आसानी लाएगा जिन्हें लाभ नहीं मिला है।अब राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी केंद्र कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का आयोजन करेगी। सरकारी नौकरी के चयन के लिए विभिन्न परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अब एक ही परीक्षा में बैठना होगा। सरकार के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि केंद्र सरकार में लगभग बीस से ज्यादा भर्ती एजेंसियां हैं। हम अब तक सिर्फ तीन एजेंसी की परीक्षा को कॉमन बना रहे हैं।