कोरोना वायरस / 1 अप्रैल से गुजरात में प्रवेश के लिए दिखानी होगी नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट

गुजरात सरकार ने कहा है कि 1 अप्रैल से गुजरात में आने वाले दूसरे राज्य के लोगों को नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी जो 72 घंटे से अधिक पुरानी न हो। कोविड-19 के 2,276 नए मामलों के साथ महामारी की शुरुआत के बाद संक्रमण के मामलों में सर्वाधिक एकदिनी बढ़ोतरी होने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।

गांधीनगर: कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार अब दूसरे राज्यों के लोगों को तभी अपनी सीमा में आने देगी जब वे कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाएंगे। राज्य सरकार 1 अप्रैल से यह नियम लागू करने जा रही है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शनिवार को इसकी घोषणा की। 

पटले ने कहा कि 1 अप्रैल से दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाने पर ही एंट्री दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। 

इससे पहले प्रदेश सरकार ने यह नियम केवल पड़ोसी महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों के लिए बनाया था जो कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अधिसूचना में कहा, ''कई राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर बढ़ रही है। यह भी देखा गया है कि यात्रा करने वालों के संक्रमित होने की आशंका अधिक है।'' विभाग ने कहा कि इसलिए गुजरात में दाखिल होने वालों को यहां आने से 72 घंटे पहले आरटी-पीसीआर जांच कराना और संक्रमण मुक्त होने का रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। 

गुजरात में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर रफ्तार पकड़ चुकी है। यहां शनिवार को रिकॉर्ड 2,276 कोरोना केस मिले। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 2,98,596 हो गई है। 24 घंटे में राज्य में पांच मरीजों की जान चली गई है। अब तक यहां कुल 4,884 लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हो चुकी है।