Shiv Nadar / ना टाटा...ना Ambani, भारत का ये बिजनेसमैन है सबसे बड़ा दानवीर

हुरुन इंडिया की नई लिस्ट में एचसीएल टेक्नोलॉजीस के फाउंडर शिव नादर देश के सबसे बड़े दानवीर बिजनेसमैन बने, जिन्होंने 2024 में 2,153 करोड़ रुपये दान किए। उनके बाद मुकेश अंबानी और बजाज फैमिली क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। टॉप-10 में कुल 4,625 करोड़ रुपये का दान हुआ।

Vikrant Shekhawat : Nov 08, 2024, 06:00 AM
Shiv Nadar: हाल ही में देश के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक, टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा की वसीयत सामने आई, जिसमें उन्होंने अपनी 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा समाज की सेवा के लिए दान कर दिया है। इसी तरह, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी का रिलायंस फाउंडेशन भी कई परोपकारी कार्यों के लिए बड़ी राशि का योगदान करता है। लेकिन, फिर भी देश का सबसे बड़ा दानवीर कोई और ही है, जो अपनी उदारता और समाजसेवा के लिए देश भर में सराहा जा रहा है।

हुरुन इंडिया की नई लिस्ट में शीर्ष पर शिव नादर

दानवीरों और प्रभावशाली लोगों की लिस्ट बनाने वाले हुरुन इंडिया ने हाल ही में अपनी 2024 की नई लिस्ट जारी की, जिसमें सबसे अधिक दान देने वाले भारतीय बिजनेसमैन के नामों का खुलासा हुआ। इस लिस्ट में एचसीएल टेक्नोलॉजीस के फाउंडर शिव नादर शीर्ष पर हैं, जिन्होंने इस साल 2,153 करोड़ रुपये की राशि दान में दी है। शिव नादर पिछले साल भी इसी सूची में सबसे ऊपर थे, और उनके इस परोपकारी योगदान ने उन्हें लगातार दो साल तक देश का सबसे बड़ा दानदाता बनाया है।

मुकेश अंबानी और बजाज फैमिली की शानदार उपस्थिति

शिव नादर के बाद, इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर मुकेश अंबानी और उनका परिवार है, जिन्होंने इस साल 407 करोड़ रुपये की राशि कल्याणकारी कार्यों में दान की है। इसके साथ ही बजाज फैमिली ने इस सूची में लंबी छलांग लगाई है और इस साल 352 करोड़ रुपये दान करते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच गई है, जो पहले छठे स्थान पर थी।

शीर्ष 10 में कई प्रमुख उद्योगपति शामिल

हुरुन इंडिया की इस लिस्ट में टॉप-10 में कई नामचीन उद्योगपतियों का नाम है। कुमार मंगलम बिड़ला और उनके परिवार ने 334 करोड़ रुपये दान किए हैं और चौथे स्थान पर हैं। वहीं, गौतम अडानी और उनका परिवार 330 करोड़ रुपये का योगदान देकर पांचवे स्थान पर है। इस लिस्ट में अन्य प्रमुख नामों में नंदन नीलेकणि (307 करोड़ रुपये), कृष्णा चिवुकुला (228 करोड़ रुपये), अनिल अग्रवाल फैमिली (181 करोड़ रुपये), सुष्मिता और सुब्रतो बागची (179 करोड़ रुपये), और रोहनी नीलेकणि (154 करोड़ रुपये) हैं।

इस सूची में इस साल की नई प्रविष्टियों में आशा फाउंडेशन के कृष्णा चिवुकुला और माइंडट्री की सुष्मिता एवं सुब्रतो बागची का नाम है, जिन्होंने परोपकार के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। इन नए नामों ने न केवल अपने योगदान के लिए प्रशंसा प्राप्त की है, बल्कि अन्य उद्योगपतियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बने हैं।

दान का पैसा किस क्षेत्र में हो रहा है खर्च?

हुरुन इंडिया की इस सूची के अनुसार, टॉप-10 दानदाताओं ने कुल मिलाकर 4,625 करोड़ रुपये की राशि समाजसेवा के विभिन्न कार्यों में दी है। इनमें से अधिकांश बिजनेसमैन ने अपनी दानराशि शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने का निर्णय लिया है। कुल 10 में से 6 उद्योगपति अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) एक्टिविटीज के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं। इन प्रयासों से स्कूलों, कॉलेजों और अनुसंधान केंद्रों को सहारा मिल रहा है, जो देश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में दान और परोपकार का बढ़ता चलन

भारत में बड़े उद्योगपतियों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में दान देने की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। ऐसे दानदाता न केवल अपने व्यवसाय से समाज को योगदान दे रहे हैं, बल्कि अपनी संपत्ति का एक हिस्सा देश की सेवा में समर्पित कर रहे हैं। इन दानदाताओं के योगदान से न केवल समाज का उत्थान हो रहा है, बल्कि यह भी साबित होता है कि भारत के सफल उद्योगपति सिर्फ मुनाफे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।

शिव नादर, मुकेश अंबानी, और बजाज जैसे शीर्ष दानदाताओं के प्रेरणादायक कार्य अन्य उद्योगपतियों को भी इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हुरुन इंडिया की इस सूची ने यह साबित कर दिया है कि भारत में परोपकार का चलन बढ़ रहा है, और दानदाताओं का योगदान समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।