देश / भारत के लोगों की जान की कीमत पर कभी भी वैक्सीन का निर्यात नहीं किया: सीरम इंस्टीट्यूट

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने 'सरकार और भारतीय विनिर्माताओं द्वारा (कोविड-19) वैक्सीन निर्यात को लेकर चल रही चर्चा' पर एक बयान जारी किया है। बकौल पूनावाला, "हम यह दोहराना चाहते हैं...भारत के लोगों की जान की कीमत पर हमने कभी भी दवाओं का निर्यात नहीं किया...महामारी का दायरा भौगोलिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है।"

Vikrant Shekhawat : May 19, 2021, 08:56 AM
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के टीकों के निर्यात को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है। इस मसले पर अब सीरम इंस्टीट्यूट ने चुप्पी तोड़ी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने मंगलवार (18 मई) को कहा कि उसने भारत के लोगों की जिंदगी की कीमत पर कभी टीके निर्यात नहीं किए। कंपनी देश में टीकाकरण मुहिम को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

कंपनी ने दिया यह बयान

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से सरकार और एसआईआई समेत भारतीय टीका निर्माताओं के टीके निर्यात करने के फैसले पर काफी चर्चा चल रही है। एसआईआई ने कहा, 'जनवरी 2021 में हमारे पास टीके की खुराकों का काफी भंडार था। हमारी टीकाकरण मुहिम सफलतापूर्वक शुरू हो गई थी और प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या सबसे कम दर्ज की जा रही थी। उस दौरान दुनिया के कई देश गंभीर संकट से जूझ रहे थे, जिन्हें मदद की काफी जरूरत थी। ऐसे में भारत सरकार ने हर संभव मदद की।

'मदद के कारण ही साथ आए हैं दूसरे देश'

एसआईआई ने कहा, 'भारत ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन और टीकों का निर्यात करके अन्य देशों की मदद की है। आज इसकी वजह से ही अन्य देश हमारी मदद कर रहे हैं। यह महामारी किसी भौगोलिक या राजनीतिक सीमाओं में सीमित नहीं है। जब तक वैश्विक स्तर पर हर कोई इस वायरस को हरा नहीं देता, तब तक हम सुरक्षित नहीं होंगे। इसके अलावा हमारे वैश्विक गठबंधनों के मद्देनजर कोवैक्स कार्यक्रम के प्रति भी हमारी प्रतिबद्धताएं हैं, जिससे वे वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए टीकों का वैश्विक स्तर पर वितरण कर सकें।'

एसआईआई ने कहा- लोगों का समझना जरूरी

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि एक और महत्वपूर्ण बात है, जिसे लोग समझ नहीं रहे हैं। वह यह है कि भारत सबसे अधिक आबादी वाले दुनिया के शीर्ष दो देशों में शामिल हैं। इतनी अधिक जनसंख्या के लिए टीकाकरण मुहिम दो-तीन महीने में पूरी नहीं हो सकती, क्योंकि हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। अब तक एसआईआई ने 20 करोड़ से अधिक खुराकें बांटी हैं, जबकि हमें अमेरिकी दवा कंपनियों के दो महीने बाद ईयूए मिला।

'लोगों की जिंदगी से कोई समझौता नहीं'

कंपनी ने कहा कि एसआईआई भारत को प्राथमिकता देता है और उत्पादन बढ़ा रहा है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कोवैक्स और अन्य देशों को टीके मुहैया कराना शुरू कर दिए जाएंगे। कंपनी ने कहा, 'हम यह दोहराना चाहते हैं कि हमने भारत के लोगों के जीवन की कीमत पर कभी टीके निर्यात नहीं किए। हम देश में टीकाकरण मुहिम को सहयोग देने के लिए हरसंभव कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'