Vikrant Shekhawat : Nov 21, 2022, 01:27 PM
New Zealand Court Order to Give voting right to 16 years old also: न्यूजीलैंड की एक अदालत ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 16 और 17 साल के किशोरों को भी वोट देने की अनुमति देने के पक्ष में फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि इस उम्र के किशोरों को वोटिंग का अधिकार न देना इनके साथ भेदभाव के समान है. अदालत ने पाया कि न्यूजीलैंड में उम्र के भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा 16 साल से शुरू होती है और इस तरह सिर्फ 18 से ऊपर को मतदान का अधिकार देना अन्य के साथ भेदभाव दर्शाता है.पीएम भी इस पहले के पक्ष मेंसत्तारूढ़ होने के कुछ घंटों बाद, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि ‘कीवी सांसदों को यह तय करने के लिए मतदान करना होगा कि वोटिंग की आयु कम की जानी चाहिए या नहीं.’ अर्डर्न ने कहा, ‘हमारा मानना है कि संसद में यह ऐसा मुद्दा है, जहां हर कोई अपनी बात रख सकता है.’ हालांकि, ऐसा करने के लिए अर्डर्न और उनकी सरकार को संसद में सर्वोच्च बहुमत हासिल करना होगा. अर्डर्न ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से मतदान की आयु कम करने का समर्थन करता हूं, लेकिन यह केवल मेरे लिए या यहां तक कि सरकार के लिए भी मामला नहीं है. इस प्रकार के चुनावी कानून में किसी भी बदलाव के लिए 75 प्रतिशत सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है.’जल्द पेश किया जाएगा ये प्रस्तावरिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले महीनों में सत्तारूढ़ दल को संसद में प्रस्ताव पेश करने की उम्मीद है। हालांकि, नियमों में किया गया कोई भी बदलाव अगले साल होने वाले आम चुनाव के बाद तक लागू नहीं होगा. बता दें कि यदि न्यूजीलैंड मतदान की आयु कम करने में कामयाब होता है, तो वह ऑस्ट्रिया, माल्टा, ब्राजील, क्यूबा और इक्वाडोर की कैटेगरी में शामिल हो जाएगा. इन देशों में 16 और उससे अधिक उम्र के लोगों को वोट करने का अधिकार है.इस याचिका पर सुनाया फैसलाबता दें कि अदालत ने सोमवार को जो फैसला सुनाया है वो 'मेक इट 16 कैंपेन' नामक ग्रुप की ओर से दायर याचिका पर सुनाया है. इस ग्रुप से जुड़े लोगों ने बताया कि यह फैसला दो साल के पुराने एक मामले में आय़ा है.