Vikrant Shekhawat : Feb 27, 2022, 09:08 PM
भारतीय बॉक्सर नीतू और निखत जरीन ने बुल्गारिया के सोफिया में खेले जा रहे 73वें स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता है। नीतू ने रविवार को खेले गए फाइनल में इटली की बॉक्सर एरिका प्रिसियानडारो को हराया।एरिका पूर्व यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट रह चुकी हैं। उन्हें नीतू ने 5-0 से करारी शिकस्त दी। नीतू ने मैच के दौरान अपनी लंबी कद-काठी का जबरदस्त फायदा उठाया और एरिका पर काउंटर अटैक की बौछार कर दी। नीतू दो बार की पूर्व युवा विश्व चैंपियन होने के साथ-साथ एशियाई युवा चैंपियनशिप में पूर्व स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। बेटी के लिए पिता ने ली थी नौकरी से छुट्टी हरियाणा की 21 साल की नीतू हरियाणा के भिवानी के धनाना गांव से हैं। उनके पिता ने बेटी को मुक्केबाजी की कोचिंग दिलाने के लिए राज्य सरकार की नौकरी से बिना वेतन के तीन साल की छुट्टी ली थी। नीतू ने जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया तो उन्होंने चंडीगढ़ में फिर से अपनी नौकरी शुरू कर दी। भारत ने पिछले चरण में दो पदक जीते थे जिसमें दीपक कुमार ने रजत और नवीन बूरा ने कांस्य पदक प्राप्त किया था।
रविवार को ही पूर्व यूथ वर्ल्ड चैंपियन हैदराबाद की निखत जरीन ने भी 52 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में यूक्रेन की तेतानिया कोब को 4-1 से हराया। तेतानिया तीन बार की यूरोपियन चैंपियनशिप मेडलिस्ट रह चुकी हैं। निखत को हालांकि मुश्किल चुनौती का सामना करना पड़ा ,लेकिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हावी होने का मौका नहीं दिया। निखत ने 2019 में हुए स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट को जीता था। वह कई बार की राष्ट्रीय पदक विजेता रह चुकी हैं।
पिछले संस्करण में भारत ने जीते थे दो मेडलपिछले संस्करण में भारत ने दो मेडल जीते थे। तब दीपक कुमार और नवीन बूरा ने मेडल जीता था। दीपक ने सिल्वर और नवीन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। हालांकि, इस साल पुरुष मुक्केबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। सात में से कोई पुरुष मुक्केबाज मेडल राउंड में नहीं पहुंच सका।इस बार स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में 36 देशों के 450 बॉक्सर हिस्सा ले रहे हैं। इसमें कजाखस्तान, इटली, रूस, फ्रांस और यूक्रेन के बॉक्सर्स शामिल हैं। यूक्रेन देश पर हाल ही में रूस ने हमला किया था। दोनों के बीच युद्ध जारी है।
रविवार को ही पूर्व यूथ वर्ल्ड चैंपियन हैदराबाद की निखत जरीन ने भी 52 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में यूक्रेन की तेतानिया कोब को 4-1 से हराया। तेतानिया तीन बार की यूरोपियन चैंपियनशिप मेडलिस्ट रह चुकी हैं। निखत को हालांकि मुश्किल चुनौती का सामना करना पड़ा ,लेकिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हावी होने का मौका नहीं दिया। निखत ने 2019 में हुए स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट को जीता था। वह कई बार की राष्ट्रीय पदक विजेता रह चुकी हैं।
पिछले संस्करण में भारत ने जीते थे दो मेडलपिछले संस्करण में भारत ने दो मेडल जीते थे। तब दीपक कुमार और नवीन बूरा ने मेडल जीता था। दीपक ने सिल्वर और नवीन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। हालांकि, इस साल पुरुष मुक्केबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। सात में से कोई पुरुष मुक्केबाज मेडल राउंड में नहीं पहुंच सका।इस बार स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में 36 देशों के 450 बॉक्सर हिस्सा ले रहे हैं। इसमें कजाखस्तान, इटली, रूस, फ्रांस और यूक्रेन के बॉक्सर्स शामिल हैं। यूक्रेन देश पर हाल ही में रूस ने हमला किया था। दोनों के बीच युद्ध जारी है।