दिल्ली / दिल्ली में नहीं लगाया जा रहा लॉकडाउन: कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच स्वास्थ्य मंत्री

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू को लॉकडाउन नहीं माना जाना चाहिए और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा। उन्होंने कहा, "आज दिल्ली में कोविड​​-19 के 5,500 मामले रिपोर्ट होने की उम्मीद है और पॉज़िटिविटी रेट बढ़कर 8.5% हो गया है।" दिल्ली में ओमीक्रॉन वैरिएंट के 382 मामले हैं।

Delhi Weekend Curfew: दिल्ली में लगातार कोरोना के मामले (Delhi Covid Cases) बढ़ते जा रहे हैं. मंगलवार को एक बार फिर इन केसों में उछाल देखा गया. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) के मुताबिक 4 जनवरी को प्रदेश में 5500 कोविड केस दर्ज किए जा सकते. कोरोना के बढते हुए मामलों को देखते हुए दिल्ली में कई नई पांबदियां लगाई हैं इनमें वीकेंड कर्फ्यू भी शामिल हैं. जिसके बाद सत्येन्द्र जैन ने लॉकडाउन (Satyendra Jain On Lockdown) को लेकर बड़ा बयान दिया है. 

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने वीकेंड कर्फ्यू (Weekend Curfew) को लेकर कहा कि ये दिल्ली में बढ़ते हुए कोविड मामलों को देखते हुए लगाया गया है. इसे लॉकडाउन नहीं माना जाना चाहिए. उन्होने ये भी जानकारी दी कि सभी प्राइवेट दफ्तरों के 50 प्रतिशत विभाग खुले रहेंगे. दिल्ली सरकार ने लोगों के हित को देखते हुए पूर्ण लॉकडाउन नहीं किया है. सत्येन्द्र जैन ने एक बार फिर भरोसा दिलाया कि अस्पतालों में बेड की कमी नहीं है. दिल्ली में कोई लॉकडाउन नहीं लग रहा है. अभी से भय फैलाना नहीं चाहिए. लोगों को कोरोना नियमों का पालन करने की जरुरत है. 

मंगलवार को कोरोना के हालात को लेकर डीडीएमए (DDMA) की बैठक भी हुई थी, जिसके बाद कई बड़े फैसले लिए गए. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वीकेंड कर्फ्यू के दौरान जरुरी सेवाओं को छोड़कर सभी को घर से काम करने के लिए कहा गया है. प्राईवेट दफ्तर 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले रहेंगे. कर्मचारियों से ऑनलाइन या फिर वर्क फ्रॉम होम कराया जाएगा. वहीं मेट्रो और बस भी पूरी क्षमता के साथ चलेंगे, लेकिन बिना मास्क किसी को भी यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएंगी. 

आपको बता दें दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस 11 हजार से ज्यादा हो चुके हैं. इनमें से करीब 350 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं जबकि 124 मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरुरत पड़ी हैं. जबकि 7 लोग वेंटिलेटर पर हैं.